Digital Hindi Blogs



December 31, 2019

मस्त है जिंदगी

खुश रहकर गुजारो,
       तो मस्त है जिदंगी,
दुखी रहकर गुजारो,
       तो त्रस्त है जिंदगी,
तुलना में गुजारो,
       तो पस्त है जिंदगी,
इतंजार में गुजारो,
       तो सुस्त है जिंदगी,
सीखने में गुजारो,
      तो किताब है जिंदगी,
दिखावे में गुजारो,
       तो बर्बाद है   जिदंगी,
मिलती है एक बार,
      प्यार से बिताओ जिदंगी,
जन्म तो रोज होते हैं,
     यादगार बनाओ जिंदगी!!
🌹🙏 सुप्रभात 🙏🌹
(व्हाट्सएप से प्राप्त एक अज्ञात कवि की सुंदर रचना)

December 28, 2019

कर्म....

कर्म वह फ़सल है जिसे हर इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है....,

इसलिए, हमेशा अच्छे बीज बोएं, ताकि फ़सल अच्छी हो......।।
              

🙏🏻🌹सुप्रभात।🌹🙏🏻

December 27, 2019

अहंकार

✒✒ . .... अहंकार. में तिनों गए धन,वैभव और वंश , यकीन ना आये तो देख लो रावण,कौरव और कंस . ....     🌹शुभ सकाळ 🙏🏻🌹

December 26, 2019

रिश्ते

आँसूओं के प्रतिबिंब गिरे,
        ऐसे दर्पण अब कहाँ ?

बिना कहे सब कुछ समझे,
       वैसे रिश्ते अब कहाँ ?

  🌻🌻सुप्रभात🌻🌻

December 25, 2019

उम्मिद...

उम्मिदों के गुब्बारे से लटकता जिद्दी और जिंदगी जी रहा एक जिंदा इंसान हुँ मैं
कब उम्मिदों का गुब्बारा फट जाएँ
और जमीं पर ला पटक घायल कर दें पता नहीं।
रचनाकार: रवींद्र "रवी" कोष्टी

December 23, 2019

हेप्पी सर्दी

सर्दियों में रोज़ अपने स्वास्थ को बेहतर बनाने पर ध्यान दें
ध्यान देने के तरीके🤔🤔🤔
सुबह जल्दी 10 बजे उठ जायें☀🔥
Bathroom तक पैदल चलें 🏃
नाश्ते में मक्खन ब्रेड 🍞🧀 कचौरी और 
🍭जलेबी खाने के बाद एक लोटा चाय लें
इतना करने के बाद थकान होना लाजमी है,
इसलिए 2 घंटा सो लें..! 
अरे सोते ही रहेंगे क्या 😋 लंच नहीँ करना.
हाँ तो लंच मैं दाल-चावल, रोटी, दही, 
सलाद, पापड़, चटनी, अचार और कुछ मीठा लें..!
लंच के बाद थोड़ी देर सो जायें 😴😴💤 (लगभग 3 घंटा)
अधिक देर न सोये नहीँ तो 
शाम के चाय ☕कचोरी का समय निकल जायेगा.
अब डिनर मैं कुछ हल्का लें जैसे 
दाल मक्खनी कड़ाई, पनीर दम आलू और 
बटर नान 🍪with एक्सट्रा मक्खन
रात के खाने के बाद टहलना बहुत ही 
ज़रूरी है इसलिए अपने बेड का एक चक्कर लगाये 
और कम्बल ओढ़ कर सो जाए..! सेहत एकदम चकाचक रहेगी, वजन थोड़ासा 
ज्यादा हो जाये तो चिंता ना करें,
आखिर सर्दी साल में एक बार ही तो आती है।😎
☕Happy सर्दी
 🎅🏻ऐसा करने से बहुत ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलेगा

December 22, 2019

खुश रहो...

यह मत पूछना कि जिंदगी खुशी कब देती है।
क्योंकि शिकायत तो उन्हें भी है, जिन्हें जिंदगी सब कुछ देती है। 
खुश रहो और आनंद लो हर दिन का...
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
💐💐💐सुप्रभात💐💐💐
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

December 21, 2019

मानवीय गलती

मानव संबंधो में सबसे बड़ी ग़लती-हम आधा सुनते हैं,चौथाई समझते हैं,शून्य सोचते हैं..लेकिन
प्रतिक्रिया दुगुनी करते हैं...  🙏

December 20, 2019

फैसले....

✍मान लेते हैं कि,
किस्मत में लिखे फैसले
बदला नहीं करते.
लेकिन
आप फैसले तो लीजिये,
क्या पता,
किस्मत ही बदल जाए..
        🙏 Good Morning 🙏

December 19, 2019

धन और संस्कार

धन को एकत्रित करना सहज हैं !
                            लेकिन
                  संस्कारों को एकत्रित
                      करना कठिन हैं !
             धन को तो लूटा जा सकता हैं,
                            लेकिन
                संस्कारों के लिए समर्पित
                      होना पड़ता है।
                 
                          शुभ प्रभात💐💐

December 18, 2019

फैसला

एक निवाला पेट तक पहुंचाने का भगवान ने क्या खूब इंतजाम किया है,
अगर गर्म है तो हाथ बता देते हैं,
सख्त है तो दांत बता देते हैं,
कड़वा या तीखा है तो जुबान बता देती है,
बासी है तो नाक बता देती है,
बस मेहनत का है या बेईमानी का,
इसका फैसला आपको करना है ।
    
     🙏🏻🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🙏🏻

December 17, 2019

सच्ची मानवता

जिस मनुष्य के हृदय में"सच्ची मानवता हो उसकी सोच हमेशा यही होगी कि ,

मुझे मिला हुआ दुःख किसी को नही मिले और
मुझे मिला हुआ सुख सबको मिले

🌹🌹🌹      सुप्रभात          🌹🌹🌹🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿
www.ownpoems.wordpress.com
🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿

December 16, 2019

प्रशंसा और निंदा

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

कोई सराहना करे या
       निंदा
लाभ आपका ही है
          कारण ...
प्रशंसा प्रेरणा देती है
         और निंदा
सुधरने का अवसर ... !!!

                🙏सुप्रभात🙏

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

December 15, 2019

अच्छा वक्त...

🙏आज का सुविचार🙏
अच्छा वक़्त सिर्फ उसी का   होता है,​.
जो कभी किसी का बुरा नहीं सोचते !!​
सुख दुख तो अतिथि है,​.
.   बारी बारी से आयेंगे चले जायेंगे..​
यदि वो नहीं आयेंगे तो हम​
       ​अनुभव कहां से लायेंगे।​
जिन्दगी को खुश रहकर जिओ
क्योकि रोज शाम सिर्फ सूरज ही नही ढलता आपकी अनमोल जिन्दगी भी ढलती है
     🙏🏻 सुप्रभात🙏🏼

December 14, 2019

प्रयत्न करें...

🌷🌸Good morning🌸🌷
🌹प्रयत्न करने से कभी न चूकें..!
           हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं,
           विरोधी नहीं तो प्रगति नहीं..!!🌹
🌹 जो पानी में भीगेगा
वो सिर्फ लिबास बदल सकता है
लेकिन जो पसीने में भीगता है वो
इतिहास बदल सकता है.🌹
 
🌹🌴🍀सुप्रभात🍀🌴🌹
🌿आप का दिन शुभ हो🌿

December 13, 2019

बस आज है ज़िन्दगी....

पाने को कुछ नहीं,
ले जाने को कुछ नहीं;
उड़ जाएंगे एक दिन...
तस्वीर से रंगों की तरह!

हम वक्त की टहनी पर...
बैठे हैं परिंदों की तरह !!

ना राज़ है... “ज़िन्दगी”
ना नाराज़ है... “ज़िन्दगी";
बस जो है, वो आज है... “ज़िन्दगी”
 
🙏🏻💐 शुभ प्रभात 💐🙏🏻

December 12, 2019

बिन माँगे सब मिल जायेगा !

🌷🕊🦢☀🦢🕊🌷
प्रभु कहते है....!!
होती आरती, बजते शंख,
पूजा में सब खोए है,
मंदिर के बाहर तो देखो,
भूखे बच्चे सोए है |
एक निवाला इनको देना,
प्रसाद मुझे चढ जायेगा,
मेरे दर पर माँगने वाले,
तुझे बिन माँगे सब मिल जायेगा !
🌷राधे राधे जी🙏
(एक व्हाट्सएप संदेश)

December 11, 2019

मत कहना, हम ओल्ड हो गये!

(व्हाट्सएपपर प्राप्त एक कविता   )

मत कहना, हम ओल्ड हो गये!
हम तो तपकर गोल्ड हो गये।

जीवन के झंझावातों  से
लड़ना, हमने मिलकर सीखा,
कैसे-कैसे मोड़  से  गुजरे,
आगे बढ़ना हमने सीखा।

अनुभवों का अब साथ  समंदर,
है न अब, चुनौती का डर.
जो आयेगा, टल जायेगा,
हम तो भाई, बोल्ड हो गये।

अब जीवन के नये रंग हैं,
नयी पीढ़ी के नये ढंग हैं.
पर बच्चों का, अपनों का भी,
प्यारा-प्यारा संग, संग है।

जीवन की यह सांझ सुनहरी,
ढल गई वह बीती दोपहरी.
नयी हैं राहें, नयी निगाहें,
करने को मन कुछ खुद  चाहे.
खुलकर जी लें, खुलकर हँस लें.
बस जीवन यह कहना चाहे।

सचमुच हम तो बोल्ड हो  गये.

मत कहना हम ओल्ड हो गये!
हम तो तपकर गोल्ड हो गये।

December 10, 2019

परेशाँ जिंदगी..

जिंदगी ने  कुछ इस तरह
परेशाँ कर दिया हमें
न सुख से जी सकते है
न चैन से मर सकते हैं।

December 9, 2019

खुशियाँ बाँट रहे हैं......

🌻🌼🌞🌞🌼🌻🌻🌼🌞🌞🌼🌻
             🙏🙏 सुप्रभात🙏🙏
🌻🌼🌞🌞🌼🌻🌻🌼🌞🌞🌼🌻
खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर गई 
लेकिन खुश न हो सके... 

एक दिन अहसास हुआ कि 
खुश तो वे लोग हैं 
जो खुशियाँ बाँट रहे हैं।
🌻🌼🌞🌞🌼🌻🌻🌼🌞🌞🌼🌻
🙏 सुप्रभात 🙏
🌻🌼🌞🌞🌼🌻🌻🌼🌞🌞🌼🌻

December 8, 2019

आत्म मूल्यांकन...

आत्म मूल्यांकन

एक बार एक व्यक्ति कुछ पैसे निकलवाने के लिए बैंक में गया। जैसे ही कैशियर ने पेमेंट दी कस्टमर ने चुपचाप उसे अपने बैग में रखा और चल दिया। उसने एक लाख चालीस हज़ार रुपए निकलवाए थे। उसे पता था कि कैशियर ने ग़लती से एक लाख चालीस हज़ार रुपए देने के बजाय एक लाख साठ हज़ार रुपए उसे दे दिए हैं लेकिन उसने ये आभास कराते हुए कि उसने पैसे गिने ही नहीं और कैशियर की ईमानदारी पर उसे पूरा भरोसा है चुपचाप पैसे रख लिए।

इसमें उसका कोई दोष था या नहीं लेकिन पैसे बैग में रखते ही 20,000 अतिरिक्त रुपयों को लेकर उसके मन में  उधेड़ -बुन शुरू हो गई। एक बार उसके मन में आया कि फालतू पैसे वापस लौटा दे लेकिन दूसरे ही पल उसने सोचा कि जब मैं ग़लती से किसी को अधिक पेमेंट कर देता हूँ तो मुझे कौन लौटाने आता है???

बार-बार मन में आया कि पैसे लौटा दे लेकिन हर बार दिमाग कोई न कोई बहाना या कोई न कोई वजह दे देता पैसे न लौटाने की।

लेकिन इंसान के अन्दर सिर्फ दिमाग ही तो नहीं होता… दिल और अंतरात्मा भी तो होती है… रह-रह कर उसके अंदर से आवाज़ आ रही थी कि तुम किसी की ग़लती से फ़ायदा उठाने से नहीं चूकते और ऊपर से बेईमान न होने का ढोंग भी करते हो। क्या यही ईमानदारी है?

उसकी बेचैनी बढ़ती जा रही थी। अचानक ही उसने बैग में से बीस हज़ार रुपए निकाले और जेब में डालकर बैंक की ओर चल दिया।

उसकी बेचैनी और तनाव कम होने लगा था। वह हल्का और स्वस्थ अनुभव कर रहा था। वह कोई बीमार थोड़े ही था लेकिन उसे लग रहा था जैसे उसे किसी बीमारी से मुक्ति मिल गई हो। उसके चेहरे पर किसी जंग को जीतने जैसी प्रसन्नता व्याप्त थी।

रुपए पाकर कैशियर ने चैन की सांस ली। उसने कस्टमर को अपनी जेब से हज़ार रुपए  निकालकर उसे देते हुए कहा, ‘‘भाई साहब आपका बहुत-बहुत आभार! आज मेरी तरफ से बच्चों के लिए मिठाई ले जाना। प्लीज़ मना मत करना।”

‘‘भाई आभारी तो मैं हूँ आपका और आज मिठाई भी मैं ही आप सबको खिलाऊँगा, ’’ कस्टमर ने बोला।

कैशियर ने पूछा, ‘‘ भाई आप किस बात का आभार प्रकट कर रहे हो और किस ख़ुशी में मिठाई खिला रहे हो?’’

कस्टमर ने जवाब दिया,  ‘‘आभार इस बात का कि बीस हज़ार के चक्कर ने मुझे आत्म-मूल्यांकन का अवसर प्रदान किया। आपसे ये ग़लती न होती तो न तो मैं द्वंद्व में फँसता और न ही उससे निकल कर अपनी लोभवृत्ति पर क़ाबू पाता। यह बहुत मुश्किल काम था। घंटों के द्वंद्व के बाद ही मैं जीत पाया। इस दुर्लभ अवसर के लिए आपका आभार।”

मित्रों, कहाँ तो वो लोग हैं जो अपनी ईमानदारी का पुरस्कार और प्रशंसा पाने का अवसर नही चूकते और कहाँ वो जो औरों को पुरस्कृत करते हैं। ईमानदारी का कोई पुरस्कार नहीं होता अपितु ईमानदारी स्वयं में एक बहुत बड़ा पुरस्कार है। अपने लोभ पर क़ाबू पाना कोई सामान्य बात नहीं। ऐसे अवसर भी जीवन में सौभाग्य से ही मिलते हैं अतः उन्हें गंवाना नहीं चाहिए अपितु उनका उत्सव मनाना चाहिए।

December 7, 2019

भगवान पर भरोसा

व्हाट्सएप ग्रुप से प्राप्त बेहतरीन संदेश..
🙏🏻 भगवान पर भरोसा :

एक पुरानी सी इमारत में था वैद्यजी का मकान था। पिछले हिस्से में रहते थे और अगले हिस्से में दवाख़ाना खोल रखा था। उनकी पत्नी की आदत थी कि दवाख़ाना खोलने से पहले उस दिन के लिए आवश्यक सामान एक चिठ्ठी में लिख कर दे देती थी। वैद्यजी गद्दी पर बैठकर पहले भगवान का नाम लेते फिर वह चिठ्ठी खोलते। पत्नी ने जो बातें लिखी होतीं, उनके भाव देखते , फिर उनका हिसाब करते। फिर परमात्मा से प्रार्थना करते कि हे भगवान ! मैं केवल तेरे ही आदेश के अनुसार तेरी भक्ति छोड़कर यहाँ दुनियादारी के चक्कर में आ बैठा हूँ। वैद्यजी कभी अपने मुँह से किसी रोगी से फ़ीस नहीं माँगते थे। कोई देता था, कोई नहीं देता था किन्तु एक बात निश्चित थी कि ज्यों ही उस दिन के आवश्यक सामान ख़रीदने योग्य पैसे पूरे हो जाते थे, उसके बाद वह किसी से भी दवा के पैसे नहीं लेते थे चाहे रोगी कितना ही धनवान क्यों न हो।

एक दिन वैद्यजी ने दवाख़ाना खोला। गद्दी पर बैठकर परमात्मा का स्मरण करके पैसे का हिसाब लगाने के लिए आवश्यक सामान वाली चिट्ठी खोली तो वह चिठ्ठी को एकटक देखते ही रह गए। एक बार तो उनका मन भटक गया। उन्हें अपनी आँखों के सामने तारे चमकते हुए नज़र आए किन्तु शीघ्र ही उन्होंने अपनी तंत्रिकाओं पर नियंत्रण पा लिया। आटे-दाल-चावल आदि के बाद पत्नी ने लिखा था, *"बेटी का विवाह 20 तारीख़ को है, उसके दहेज का सामान।"* कुछ देर सोचते रहे फिर बाकी चीजों की क़ीमत लिखने के बाद दहेज के सामने लिखा, '' *यह काम परमात्मा का है, परमात्मा जाने।*''

एक-दो रोगी आए थे। उन्हें वैद्यजी दवाई दे रहे थे। इसी दौरान एक बड़ी सी कार उनके दवाखाने के सामने आकर रुकी। वैद्यजी ने कोई खास तवज्जो नहीं दी क्योंकि कई कारों वाले उनके पास आते रहते थे। दोनों मरीज दवाई लेकर चले गए। वह सूटेड-बूटेड साहब कार से बाहर निकले और नमस्ते करके बेंच पर बैठ गए। वैद्यजी ने कहा कि अगर आपको अपने लिए दवा लेनी है तो इधर स्टूल पर आएँ ताकि आपकी नाड़ी देख लूँ और अगर किसी रोगी की दवाई लेकर जाना है तो बीमारी की स्थिति का वर्णन करें। 

वह साहब कहने लगे "वैद्यजी! आपने मुझे पहचाना नहीं। मेरा नाम कृष्णलाल है लेकिन आप मुझे पहचान भी कैसे सकते हैं? क्योंकि मैं 15-16 साल बाद आपके दवाखाने पर आया हूँ। आप को पिछली मुलाकात का हाल सुनाता हूँ, फिर आपको सारी बात याद आ जाएगी। जब मैं पहली बार यहाँ आया था तो मैं खुद नहीं आया था अपितु ईश्वर मुझे आप के पास ले आया था क्योंकि ईश्वर ने मुझ पर कृपा की थी और वह मेरा घर आबाद करना चाहता था। हुआ इस तरह था कि मैं कार से अपने पैतृक घर जा रहा था। बिल्कुल आपके दवाखाने के सामने हमारी कार पंक्चर हो गई। ड्राईवर कार का पहिया उतार कर पंक्चर लगवाने चला गया। आपने देखा कि गर्मी में मैं कार के पास खड़ा था तो आप मेरे पास आए और दवाखाने की ओर इशारा किया और कहा कि इधर आकर कुर्सी पर बैठ जाएँ। अंधा क्या चाहे दो आँखें और कुर्सी पर आकर बैठ गया। ड्राइवर ने कुछ ज्यादा ही देर लगा दी थी। 

एक छोटी-सी बच्ची भी यहाँ आपकी मेज़ के पास खड़ी थी और बार-बार कह रही थी, '' चलो न बाबा, मुझे भूख लगी है। आप उससे कह रहे थे कि बेटी थोड़ा धीरज धरो, चलते हैं। मैं यह सोच कर कि इतनी देर से आप के पास बैठा था और मेरे ही कारण आप खाना खाने भी नहीं जा रहे थे। मुझे कोई दवाई खरीद लेनी चाहिए ताकि आप मेरे बैठने का भार महसूस न करें। मैंने कहा वैद्यजी मैं पिछले 5-6 साल से इंग्लैंड में रहकर कारोबार कर रहा हूँ। इंग्लैंड जाने से पहले मेरी शादी हो गई थी लेकिन अब तक बच्चे के सुख से वंचित हूँ। यहाँ भी इलाज कराया और वहाँ इंग्लैंड में भी लेकिन किस्मत ने निराशा के सिवा और कुछ नहीं दिया।" 

आपने कहा था, "मेरे भाई! भगवान से निराश न होओ। याद रखो कि उसके कोष में किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है। आस-औलाद, धन-इज्जत, सुख-दुःख, जीवन-मृत्यु सब कुछ उसी के हाथ में है। यह किसी वैद्य या डॉक्टर के हाथ में नहीं होता और न ही किसी दवा में होता है। जो कुछ होना होता है वह सब भगवान के आदेश से होता है। औलाद देनी है तो उसी ने देनी है। मुझे याद है आप बातें करते जा रहे थे और साथ-साथ पुड़िया भी बनाते जा रहे थे। सभी दवा आपने दो भागों में विभाजित कर दो अलग-अलग लिफ़ाफ़ों में डाली थीं और फिर मुझसे पूछकर आप ने एक लिफ़ाफ़े पर मेरा और दूसरे पर मेरी पत्नी का नाम लिखकर दवा उपयोग करने का तरीका बताया था।

मैंने तब बेदिली से वह दवाई ले ली थी क्योंकि मैं सिर्फ कुछ पैसे आप को देना चाहता था। लेकिन जब दवा लेने के बाद मैंने पैसे पूछे तो आपने कहा था, बस ठीक है। मैंने जोर डाला, तो आपने कहा कि आज का खाता बंद हो गया है। मैंने कहा मुझे आपकी बात समझ नहीं आई। इसी दौरान वहां एक और आदमी आया उसने हमारी चर्चा सुनकर मुझे बताया कि खाता बंद होने का मतलब यह है कि आज के घरेलू खर्च के लिए जितनी राशि वैद्यजी ने भगवान से माँगी थी वह ईश्वर ने उन्हें दे दी है। अधिक पैसे वे नहीं ले सकते। 

मैं कुछ हैरान हुआ और कुछ दिल में लज्जित भी कि मेरे विचार कितने निम्न थे और यह सरलचित्त वैद्य कितना महान है। मैंने जब घर जा कर पत्नी को औषधि दिखाई और सारी बात बताई तो उसके मुँह से निकला वो इंसान नहीं कोई देवता है और उसकी दी हुई दवा ही हमारे मन की मुराद पूरी करने का कारण बनेंगी। आज मेरे घर में दो फूल खिले हुए हैं। हम दोनों पति-पत्नी हर समय आपके लिए प्रार्थना करते रहते हैं। इतने साल तक कारोबार ने फ़ुरसत ही न दी कि स्वयं आकर आपसे धन्यवाद के दो शब्द ही कह जाता। इतने बरसों बाद आज भारत आया हूँ और कार केवल यहीं रोकी है।

वैद्यजी हमारा सारा परिवार इंग्लैंड में सेटल हो चुका है। केवल मेरी एक विधवा बहन अपनी बेटी के साथ भारत में रहती है। हमारी भान्जी की शादी इस महीने की 21 तारीख को होनी है। न जाने क्यों जब-जब मैं अपनी भान्जी के भात के लिए कोई सामान खरीदता था तो मेरी आँखों के सामने आपकी वह छोटी-सी बेटी भी आ जाती थी और हर सामान मैं दोहरा खरीद लेता था। मैं आपके विचारों को जानता था कि संभवतः आप वह सामान न लें किन्तु मुझे लगता था कि मेरी अपनी सगी भान्जी के साथ जो चेहरा मुझे बार-बार दिख रहा है वह भी मेरी भान्जी ही है। मुझे लगता था कि ईश्वर ने इस भान्जी के विवाह में भी मुझे भात भरने की ज़िम्मेदारी दी है।

वैद्यजी की आँखें आश्चर्य से खुली की खुली रह गईं और बहुत धीमी आवाज़ में बोले, '' कृष्णलाल जी, आप जो कुछ कह रहे हैं मुझे समझ नहीं आ रहा कि ईश्वर की यह क्या माया है। आप मेरी श्रीमती के हाथ की लिखी हुई यह चिठ्ठी देखिये।" और वैद्यजी ने चिट्ठी खोलकर कृष्णलाल जी को पकड़ा दी। वहाँ उपस्थित सभी यह देखकर हैरान रह गए कि ''दहेज का सामान'' के सामने लिखा हुआ था '' यह काम परमात्मा का है, परमात्मा जाने।''

काँपती-सी आवाज़ में वैद्यजी बोले, "कृष्णलाल जी, विश्वास कीजिये कि आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि पत्नी ने चिठ्ठी पर आवश्यकता लिखी हो और भगवान ने उसी दिन उसकी व्यवस्था न कर दी हो। आपकी बातें सुनकर तो लगता है कि भगवान को पता होता है कि किस दिन मेरी श्रीमती क्या लिखने वाली हैं अन्यथा आपसे इतने दिन पहले ही सामान ख़रीदना आरम्भ न करवा दिया होता परमात्मा ने। वाह भगवान वाह! तू महान है तू दयावान है। मैं हैरान हूँ कि वह कैसे अपने रंग दिखाता है।"

वैद्यजी ने आगे कहा,सँभाला है, एक ही पाठ पढ़ा है कि सुबह परमात्मा का आभार करो, शाम को अच्छा दिन गुज़रने का आभार करो, खाते समय उसका आभार करो, सोते समय उसका आभार करो।

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December 6, 2019

सोच का प्रभाव

सोच का प्रभाव
         मन पर होता है
मन का प्रभाव
         तन पर होता है

तन और मन दोनों  का प्रभाव
       सारे जीवन पर होता है
        
 इसलिये सदा अच्छा सोचें और खुश रहें.....हंसते मुस्कराते रहिये .....
                🙏सुप्रभात🙏
      💐 आपका दिन मंगलमय हो 💐

December 5, 2019

गुस्सा....

गुस्सा           
बंद दुकान में कहीं से घूमता फिरता एक सांप घुस गया। दुकान में रखी एक आरी से टकराकर सांप मामूली सा जख्मी हो गया। 

घबराहट में सांप ने पलट कर आरी पर पूरी ताक़त से डंक मार दिया जिस कारण उसके मुंह से खून बहना शुरू हो गया। 

अब की बार सांप ने अपने व्यवहार के अनुसार आरी से लिपट कर उसे जकड़ कर और दम घोंट कर मारने की पूरी कोशिश कर डाली। 

अब सांप अपने गुस्से की वजह से बुरी तरह घायल हो गया।

दूसरे दिन जब दुकानदार ने दुकान खोली तो सांप को आरी से लिपटा मरा हुआ पाया जो किसी और कारण से नहीं केवल अपनी तैश और गुस्से की भेंट चढ़ गया था। 

कभी कभी गुस्से में हम दूसरों को हानि पहुंचाने की कोशिश करते हैं मगर समय बीतने के बाद हमें पता चलता है कि हमने अपने आप का ज्यादा नुकसान किया है।

अब इस कहानी का सार ये है कि

अच्छी जिंदगी के लिए कभी कभी हमें, 
कुछ चीजों को, 
कुछ लोगों को, 
कुछ घटनाओं को, 
कुछ कामों को और 
कुछ बातों को 
इग्नोर करना चाहिए। 

अपने आपको मानसिक मजबूती के साथ इग्नोर करने का आदी बनाइये।

जरूरी नहीं कि हम हर एक्शन का एक रिएक्शन दिखाएं।

हमारे कुछ रिएक्शन हमें केवल नुकसान ही नहीं पहुंचाएंगे बल्कि हो सकता है कि हमारी जान ही ले लें। 

सबसे बड़ी शक्ति सहन शक्ति है।

December 4, 2019

जीने के लिये......

✍क्या खूब कहा है🌷
"आसमां में मत दूंढ अपने सपनो को,
सपनो के लिए तो ज़मी जरूरी है,🌷
 सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा, जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है".

     🌷 GOOD MORNING 🌷

December 3, 2019

खुशियाँ

✍🏼

दाम ऊंचे हो सकते हैं
ख़्वाहिशों के

मगर ख़ुशियाँ
हरगिज़ महंगी नही होती...

सुप्रभात

December 2, 2019

मौत...

मौत भी क्या खूबसुरत होगी यारो
जो गले लगा लेता है
जीना ही छोड देता है।


December 1, 2019

मैं, मैं और मैं..

जंगल जंगल ढूँढ रहा है..मृग अपनी कस्तूरी...।

कितना मुश्किल है तय करना ...खुद से खुद की दूरी....।

भीतर शून्य.. !
बाहर शून्य.. !
शून्य चारो ओर है ..!
   
मैं नहीं हूं, मुझमें फिर भी "मैं - मैं" का ही शोर है।

🙏🏻सुप्रभात🙏🏻

November 30, 2019

कर्तव्य

कर्तव्य ऐसा आदर्श मित्र है
जो कभी धोखा नहीं दे सकता,
                और
धैर्य एक ऐसा कड़वा पौधा है,
जिस पर फल हमेशा मीठे आते हैं।
  
      🌹शुभ प्रभात 🌹

November 29, 2019

रिश्ता.....

🌹🌸👌🍀🙏🌲💐🌿🌷🥀💐💐

✏रिश्ता बहुत गहरा हो या न हो
                      परन्तु भरोसा
              बहुत गहरा होना चाहिये..
                 गुरु वही श्रेष्ठ होता है
                   जिसकी प्रेरणा से
             किसी का चरित्र बदल जाये
              और मित्र वही श्रेष्ठ होता है
         जिसकी संगत से रंगत बदल जाये✍🏻

       🙏😊 Good morning🙏😊

November 28, 2019

इंतजार..

जिंदगी में किसी के इंतजार की तलब भी ज़रूरी है.

वरना ये वक़्त तो गुजरता है,पर कटता नहीं...!!
🌞🌹शुभ प्रभात🌹🌞

November 27, 2019

बातों की खुशबू

उनकी हर बात से महकती खुशबू
लगता है जैसे बहारेंं खिल उठी हों,
दिल जोरों से धडकने लगता है तब
जब आँखों मेंं ही रास्ता नजर आता हो।। 
रविंद्र 'रवि' कोष्टी

November 26, 2019

विश्वास...

इंसान जब हथेली की रेखाओं में
भविष्य ढूंढने  लगे,
तब समझ लेना कि,
उसकी बाजुओं में ताकत,
और
मन में विश्वास खत्म हो गया है..
    🙏🏻शुभ प्रभात🙏🏻

November 24, 2019

सदैव खुश रहें🌹😊

संपत्तियां, पैसा, उपलब्धियाँ, प्रतिष्ठा, सम्मान, पद... कुछ भी मायने नहीं रखता, अगर आप खुश़ नहीं हैं... 😊

इस जिंदगी की सबसे पहली जरूरत है...
आपका ख़ुश रहना !!! 😊

🌹😊
सदैव खुश रहें

सुप्रभात🙏

ठंड...

एक ठण्ड विदेशों में पड़ती है,.!

लोग गोरे हो जाते हैं...!

.

.

और एक ठण्ड हमारे यहाँ पड़ती है,.!

गाल और होंठ फट जाते हैं.!😝🤣

😝😝😝😆😆😆😅😅

November 22, 2019

नोंकझोक...


पत्नी ने मुझसे कहा कि मेरे भाई से भी खाने के लिये पुछ लो..!

मैंने पुछा :- साले साहब खाना खा के आये हो या जा के खाओगे..!
😝😆😆🤣

नजर और नसीब

✍🏻 नजर और नसीब का
             कुछ ऐसा इतेफाक है
                   की
      नजर को अक्सर वही
       चीज पसंद आती है 
     जो नसीब में नही होती
                   और
      नसीब में लिखी चीज
 अक्सर नजर नहीं आती है       

 🙏 सुप्रभात🙏
व्हाट्सएप मेसेज

खुशियाँ

🌻🌼🌞🌞🌼🌻
🙏🙏 सुप्रभात 🙏

खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर गई 
लेकिन खुश न हो सके... 

एक दिन अहसास हुआ कि 
खुश तो वे लोग हैं 
जो खुशियाँ बाँट रहे हैं।

🙏 सुप्रभात🙏🙏
🌻🌼🌞🌞🌼🌻
(व्हाट्सएप पर प्राप्त संदेश  )

November 21, 2019

दर्द....

दर्द कितने छिपाए रखोगे सीने मे
बस सीना खोल के बोल दो
कुछ माहौल बन जाए।
मौत आ भी जाए अगर चुपके से
दर्द ऐ दास्ताँ सुन
दर्द से वो भी अपनी ही जगह जम जाए।।
रविंद्र "रवि" कोष्टी

November 19, 2019

बेहतरीन जिंदगी...

जिदंगी " बेहतर "
    तब होती है.
    जब आप खुश होते है

लेकिन

जिंदगी "बेहतरीन" तब होती है .
  जब आपकी वजह से
           लोग खुश होते है.
          शुभ प्रभात

November 18, 2019

घर......!🌹

"व्यवहार" घर का शुभ कलश है।
और "इंसानियत" घर की "तिजोरी"।

"मधुर वाणी" घर की "धन-दौलत" है।
और "शांति" घर की "महालक्ष्मी"।

"पैसा" घर का "मेहमान" है।
और "एकता" घर की "ममता।

"व्यवस्था" घर की "शोभा" है
और समाधान "सच्चा सुख"।
    🌹 प्रातःवंदन!🌹

November 17, 2019

दौलत.....

(कवि:अज्ञात। व्हाट्सएप संदेश  )
वो कागज की दौलत ही क्या
           जो पानी से गल जाये और
             आग से जल जाये

         दौलत तो दुआओ की होती हैं
            न पानी से गलती हैं
              न आग से जलती हैं...                                                                                                    
         आनंद लूट ले बन्दे,
           प्रभु की बन्दगी का।
             ना जाने कब छूट जाये,
               साथ जिन्दगी का।।
     
"ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है..
"महंगी घड़ी" सबको दे देना !
         लेकिन.....
"मुश्किल घड़ी" किसी को न  देना
🍁🍁🍁🙏सुप्रभात 🍁🍁🍁🙏
        🌻 आपका दिन मंगलमय हो🌻

November 15, 2019

"जिंदगी" की सांसे!🌹

(व्हाट्सएपपर प्राप्त यह कविता. कवी कौन है मालूम नही. मन को भा गयी. सो शेअर कर रहा हुँ  )

जब  तक  चलेगी "जिंदगी" की सांसे
कहीं  प्यार  कहीं "टकराव" मिलेगा !!
कहीं  बनेंगे  संबंध  "अंतर्मन" से  तो
कहीं "आत्मीयता" का अभाव मिलेगा 

कहीं  मिलेगी  जिंदगी में "प्रशंसा" तो
कहीं नाराजगियों का "बहाव" मिलेगा 
कहीं  मिलेगी सच्चे मन से "दुआ" तो
कहीं  भावनाओं में "दुर्भाव" मिलेगा !!

कहीं बनेंगे पराए "रिश्तें" भी अपने तो
कहीं अपनों से ही "खिंचाव" मिलेगा !!
कहीं  होगी  "खुशामदें" चेहरे  पर तो
कहीं पीठ पे बुराई का "घाव" मिलेगा !!

तू  चलाचल  राही अपने "कर्मपथ" पे
जैसा तेरा भाव वैसा "प्रभाव" मिलेगा !!
रख स्वभाव में शुद्धता का "स्पर्श" तू
अवश्य  जिंदगी का "पड़ाव" मिलेगा !!🌹

November 11, 2019

जिंदगी२

कभी कभी उदासी की
           आग हैं जिंदगी
     कभी कभी खुशियों का
           बाग हैं जिंदगी
     हंसता  और  रुलाता
            राग  हैं जिंदगी
   कड़वे और मीठे अनुभवों
        शंका स्वाद हैं जिंदगी
            पर अंत मे तो
                 अपने
     किये   हुए   कर्मो   का
        हिसाब है जिंदगी
         🙏सुप्रभात🙏
( कवी:-अज्ञात, व्हाट्सएपपर प्राप्त संदेश )

November 10, 2019

जिंदगी.....

दोस्त , किताब , रास्ता , और सोच!
ये चारों  जीवन में सही मिलें तो,
ज़िंदगी "निख़र".... जाती है .
वरना "बिख़र" ज़ाती है ...
        शुभ प्रभात...

November 8, 2019

ख्वाब...

जब नासमझ थे,
तो ख्वाब हमारी
मुट्ठी में बंद थे,
  
समझ आयी तो,
ख्वाबों ने हमें
मुट्ठी में बंद कर लिया,,,!

🙏   सुप्रभात   🙏

🌹आपका दिंन मंगलमय हो

November 7, 2019

तजुर्बा...💐💐

वक्त बदलता नहीं, इंसान बदल जाते है,
बंद आँखों से तो अंधेरे ही नजर आते है
हर तजुर्बा होता है खेल अपनी नजरों का,
रेल की खिड़की से देखो,
तो पेड़ भी दौड़ते नजर आते है...

         💐🙏शुभ प्रभात🙏💐

November 4, 2019

💐बड़े दिन हो गए 💐

👌🏻👌🏻 बड़े दिन हो गए 👌🏻👌🏻

दोस्तों, पुराने वो बचन के दिनो की यादे हमेशा बुढापे मे भी सताती  है। अब सब कुछ है फिर भी वे दिन भुलाये नही भुलते. व्हाट्सएप पर इस बारे मे एक कविता किसी ने शेअर की थी। मन को भा गयी इसलिए यहाँ शेअर कर रहा हुँ।

इतने channels होने पर भी 
लगता है कुछ नहीं देखा 
चित्रहार देखने की इंतज़ार को 
बड़े दिन हो गए...!

अब ढेर सारे संगीत के माध्यम
फिर भी वो बिनाका गीत माला सुने 
बड़े दिन हो गए।

अब सुबह नाश्ते के लिए टेबल पर बहुत सारे आइटम,
सुबह चाय के साथ बासी पराठे खाये,
बड़े दिन हो गए।

अब 2 रोटी खाकर चिंता कि वजन न बढ़ जाये
वो स्कूल से लौटकर 5-5 रोटी खाये 
बड़े दिन हो गए.....।

ये बारिशें आजकल
रेनकोट में सूख जाती हैं... 
सड़कों पर छपाके उड़ाए 
बड़े दिन हो गए... ।

दोपहर से गायब होकर शाम देर से मिट्टी में सने हुए घर आना,
और वो माँ के दो थप्पड़ खाये,
बड़े दिन हो गए..।

अब सारे काम सोच समझ कर करता हूँ ज़िन्दगी में.... 
वो पहली गेंद पर बढ़कर छक्का लगाये 
बड़े दिन हो गए...।

वो ढ़ाई नंबर का क्वेश्चन पुतलियों में समझाना... 
किसी दोस्त  को नक़ल कराये 
बड़े दिन हो गए.... ।

जो कहना है
फेसबुक पर डाल देता हूँ.... 
किसी को चुपके से चिट्ठी पकड़ाए 
बड़े दिन हो गए.... ।

बड़ा होने का शौक भी
बड़ा था बचपन में.... 
काला चूरन मुंह में तम्बाकू सा दबाये 
बड़े दिन हो गए.... ।

आजकल खाने में मुझे
कुछ भी नापसंद नहीं.... 
वो मम्मी वाला अचार खाए
बड़े दिन हो गए.... ।

सुबह के सारे काम
अब रात में ही कर लेता हूँ.... 
सफ़ेद जूतों पर चाक लगाए 
बड़े दिन हो गए..... ।

लोग कहते हैं
अगला बड़ा सलीकेदार है.... 
दोस्त के झगड़े को अपनी लड़ाई बनाये
बड़े दिन हो गए..... ।

वो साइकल की सवारी
और ऑडी सा टशन... 
डंडा पकड़ कर कैंची चलाये
बड़े दिन हो गए.... ।

किसी इतवार खाली हो तो
आ जाना पुराने अड्डे पर... 
दोस्तों को दिल के शिकवे सुनाये 
बड़े दिन हो गए..........।
(कवी: अज्ञात )

November 3, 2019

ईश्वर का वास..

व्हाट्सएप ग्रुपसे प्राप्त एक बेहतरिन संदेश शेअर कर रहा हुँ दोस्तों.

एक सन्यासी घूमते-फिरते एक दुकान पर आये, दुकान मे अनेक छोटे-बड़े डिब्बे थे, सन्यासी के मन में जिज्ञासा उतपन्न हुई,  एक डिब्बे की ओर इशारा करते हुए सन्यासी ने दुकानदार से पूछा, इसमे क्या है ? दुकानदारने कहा - इसमे नमक है ! सन्यासी ने फिर पूछा, इसके पास वाले मे क्या है ? दुकानदार ने कहा, इसमे हल्दी है ! इसी प्रकार सन्यासी पूछ्ते गए और दुकानदार बतलाता रहा, अंत मे पीछे रखे डिब्बे का नंबर आया, सन्यासी ने पूछा उस अंतिम डिब्बे मे क्या है? दुकानदार बोला, उसमे श्रीकृष्ण है ! सन्यासी ने हैरान होते हुये पूछा श्रीकृष्ण ?? भला यह श्रीकृष्ण  किस वस्तु का नाम है भाई?? मैंने तो इस नाम के किसी समान के बारे में कभी नहीं सुना।  दुकानदार सन्यासी के भोलेपन पर हंस कर बोला - महात्मन ! और डिब्बों मे तो भिन्न-भिन्न वस्तुएं हैं, पर यह डिब्बा खाली है, हम खाली को खाली नही कहकर श्रीकृष्ण  कहते हैं !*
*संन्यासी की आंखें खुली की खुली रह गई !* 
*जिस बात के लिये मैं दर दर भटक रहा था, वो बात मुझे आज एक व्यपारी से समझ आ रही है। वो सन्यासी उस छोटे से किराने के दुकानदार के चरणों में गिर पड़ा ,,, ओह, तो खाली मे श्रीकृष्ण रहता है ! सत्य है भाई भरे हुए में श्रीकृष्ण  को स्थान कहाँ ? (काम, क्रोध,लोभ,मोह, लालच, अभिमान,ईर्ष्या, द्वेष और भली- बुरी, सुख दुख, की बातों से जब दिल-दिमाग भरा रहेगा तो उसमें ईश्वर का वास कैसे होगा ? श्रीकृष्ण  यानी ईश्वर तो खाली याने साफ-सुथरे मन मे ही निवास करता है ! एक छोटी सी दुकान वाले ने सन्यासी को बहुत बड़ी बात समझा दी थी! आज सन्यासी अपने आनंद में था।* 
*जय श्री कृष्ण*
😊😊🙏😊😊

November 2, 2019

अच्छा वक्त

अच्छा वक़्त सिर्फ उसीका  होता है,​.
जो कभी किसी का बुरा नहीं सोचते !!​
सुख दुख तो अतिथि है,​.
  ​बारी बारी से आयेंगे चले जायेंगे..​
​यदि वो नहीं आयेंगे तो हम​
        अनुभव कहां से लायेंगे।​🌹

October 29, 2019

ज़रा अदब से......

ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को....

इन्होंने कल रात सबको रोशनी दी थी.....

किसी को जला कर खुश होना अलग बात है,

इन्होंने खुद को जला कर रोशनी की थी.....
( व्हाट्सएपसे प्राप्त कविता. अच्छी लगी सो शेअर की।)

October 28, 2019

जिंदगी...

बाहर रिश्तों का "मेला" है..भीतर हर शख्स "अकेला" है..
यही जिंदगी का "झमेला" है..!!

                  🙏स्नेह वंदन🙏
                   🌹सुप्रभात🌹

बचपन की दिवाली

बचपन की दिवाली पर गुलजार साहब की लिखी यह पुरानी कविता है।।

अब चूने में नील मिलाकर
पुताई का जमाना नहीं रहा। चवन्नी, अठन्नी का जमाना
भी नहीं रहा।
फिर भी यह कविता आप सब के लिए पेश है--

हफ्तों पहले से साफ़-सफाई में जुट जाते हैं,
चूने के कनिस्तर में थोड़ी नील मिलाते हैं,
अलमारी खिसका खोयी चीज़ वापस पाते हैं,
दोछत्ती का कबाड़ बेच कुछ पैसे कमाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

दौड़-भाग के घर का हर सामान लाते हैं,
चवन्नी-अठन्नी पटाखों के लिए बचाते हैं,
सजी बाज़ार की रौनक देखने जाते हैं,
सिर्फ दाम पूछने के लिए चीजों को उठाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

बिजली की झालर छत से लटकाते हैं,
कुछ में मास्टर बल्ब भी लगाते हैं,
टेस्टर लिए पूरे इलेक्ट्रीशियन बन जाते हैं,
दो-चार बिजली के झटके भी खाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

दूर थोक की दुकान से पटाखे लाते है,
मुर्गा ब्रांड हर पैकेट में खोजते जाते है,
दो दिन तक उन्हें छत की धूप में सुखाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

धनतेरस के दिन कटोरदान लाते है,
छत के जंगले से कंडील लटकाते हैं,
मिठाई के ऊपर लगे काजू-बादाम खाते हैं,
प्रसाद की थाली पड़ोस में देने जाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं
बूढ़े माँ-बाप का एकाकीपन मिटाते हैं,
वहीं पुरानी रौनक फिर से लाते हैं,
सामान से नहीं, समय देकर सम्मान जताते हैं,
उनके पुराने सुने किस्से फिर से सुनते जाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...🙏

October 27, 2019

दिपावली की शुभकामनाएँ

एक दिया ऐसा भी हो , जो
आपके भीतर तक प्रकाश करे ,

एक दिया मृतप्राय जीवन में ,
फिर आकर कुछ श्वास भरे |

एक दिया सादा हो इतना ,
जैसे साधु संत का जीवन ,

एक दिया इतना सुन्दर हो ,
जैसे देवों का उपवन |

एक दिया जो भेद मिटाए ,
क्या तेरा क्या मेरा है ,

एक दिया जो याद दिलाये ,
हर रात के बाद सवेरा है |

एक दिया उनकी खातिर हो ,
जिनके घर में नहीं है दिया ,

एक दिया उन बेचारों का ,
जिनको घर ही दिया नहीं |

एक दिया सीमा के रक्षक ,
अपने वीर जवानों का ,

एक दिया मानवता-रक्षक ,
चंद बचे इंसानों का |

एक दिया विश्वास दे उनको ,
जिनकी हिम्मत टूट गयी ,

एक दिया उस राह में भी हो ,
जो कल पीछे छूट गयी |

एक दिया जो अंधकार का ,
जड़ के साथ विनाश करे ,

एक दिया ऐसा भी हो , जो
भीतर तक प्रकाश करे ||
एक दिया ऐसा भी हो जो
हर सांसारिक अन्धकार दुर करें।

आप सभी को और आपके परिवार के सभी सदस्यों को दीपावली की ढेरों बधाई एवं  शुभकामनाएं💐👏🏻
आप सभी खुश रहें, स्वस्थ रहें और समृद्ध बने।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

October 26, 2019

दीपावली महोत्सव

🙏 🙏 🙏🙏🙏दीपावली महोत्सव के लिये सभी वरिष्ठजनों को विनम्र अभिवादन, हम उम्र सुजनों एवं सहयोगियों को शुभेच्छा एवं सभी सुहृदों के लिये शुभ आशीष.🙏🙏🙏

आप सभी अपने परिवार सहित खुश रहें, स्वस्थ रहें और समृद्ध रहे ।

*******🍀☘🌹☘🍀********

October 22, 2019

अच्छा वक़्त ...

अच्छा वक़्त सिर्फ उसीका  होता है,​.
जो कभी किसी का बुरा नहीं सोचते !!​
सुख दुख तो अतिथि है,​.
बारी बारी से आयेंगे चले जायेंगे..​
यदि वो नहीं आयेंगे तो हम​
       अनुभव कहां से लायेंगे।​
    
                🌹शुभप्रभात🌹

October 20, 2019

रिश्ते🌼

एक लाज़वाब बात जो एक पेड़ ने कही...

🌼हर रोज़ गिरते हैं "पत्ते मेरे"🌼

🌼फिर भी हवाओं से बदलते नहीं रिश्ते मेरे...🌼

🌼🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏🌼

October 19, 2019

मन की शांति

दुनिया में सबसे
अनमोल मन की शांति है
जो ना बिकती है
न खरीदी जा सकती है
मन अशांत हो तो
महंगी से महंगी चीज
से भी शांत नहीं होता⭐

🌸🌸🌸सुप्रभात🌸🌸🌸

October 16, 2019

शुभ प्रभातम्

"दूरियों" का ग़म नहीं अगर......
         "फ़ासले" दिल में न हो,

"नजदीकियाँ"बेकार हैं......
     अगर जगह दिल में ना हो..!!

🌷🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🌷

October 15, 2019

वक्त" और "दौलत"

☘🌹॥सुप्रभात्-पुष्प॥🌹☘

🕉"वक्त" और "दौलत"
  के बीच का सबसे बड़ा अंतर...
              
आपको हर "वक्त" पता होता है
आपके पास कितनी "दौलत" है,

लेकिन आप कितनी भी "दौलत"
खर्च करके यह नही जान सकते  
आपके पास कितना ‘‘वक्त"है !!

जिंदगी.....

दोस्त , किताब , रास्ता , और सोच!
ये चारों  जीवन में सही मिलें तो,
ज़िंदगी "निख़र".... जाती है .
वरना "बिख़र" ज़ाती है ...

  🌹🌹शुभ प्रभात🌹🌹

October 14, 2019

खुशी.....🙂


(व्हाट्सएप पर प्राप्त एक कविता. अच्छी लगी सोचा शेअर कर दु।)

बहुत दिन बाद
पकड़ में आई...
थोड़ी सी खुशी...
तो पूछा ?

कहाँ रहती हो आजकल.... ?
ज्यादा मिलती नहीं..?

"यही तो हूँ"
जवाब मिला।

बहुत भाव
खाती हो खुशी ?..
कुछ सीखो
अपनी बहन से...
हर दूसरे दिन आती है
हमसे मिलने..  "परेशानी"।

आती तो मैं भी हूं...
पर आप ध्यान नही देते।

"अच्छा"...?

शिकायत होंठो पे थी कि.....
उसने टोक दिया बीच में.

मैं रहती हूँ..…
कभी आपकी बच्चे की
किलकारियो में,

कभी
रास्ते मे मिल जाती हूँ ..
एक दोस्त के रूप में,

कभी ...
एक अच्छी फिल्म
देखने में,

कभी...
गुम कर मिली हुई
किसी चीज़ में,

कभी...
घरवालों की परवाह में,

कभी ...
मानसून की
पहली बारिश में,

कभी...
कोई गाना सुनने में,

दरअसल...
थोड़ा थोड़ा
बाँट देती हूँ,
खुद को
छोटे छोटे पलों में....
उनके अहसासों में।
     
लगता है
चश्मे का नंबर
बढ़ गया है आपका...!
सिर्फ बड़ी चीज़ो में ही
ढूंढते हो मुझे.....!!!

खैर...
अब तो पता मालूम
हो गया ना मेरा...?
ढूंढ लेना मुझे
आसानी से अब
छोटी छोटी बातों में..."🙂

शब्द...

जब मन खराब हो
तब बुरे शब्द ना बोलें,
क्योंकि.
खराब मन को
बदलने के मौके बहुत मिल जायेंगे
लेकिन शब्दों को बदलने के मौके फिर नहीं मिलेंगे

       💐सुप्रभात 💐

🙏जय गणेश जय जय गणेश🙏

October 13, 2019

मन की शांती...

दुनिया में सबसे अनमोल
मन की शांति है
जो ना बिकती है
न खरीदी जा सकती है
मन अशांत हो तो
महंगी से महंगी चीज से
भी शांत नहीं होता

🌸🌸🌸सुप्रभात🌸🌸🌸

जिंदगी का सफर..

अपने हौसलों को ये
खबर करते रहो...

ज़िंदगी मंज़िल नहीं,
सफर है, करते रहो....!!!!

       👍सुप्रभात 👍

शब्द और मुस्कराहट

अगर किसी परिस्थिति के लिए
हमारे पास सही शब्द नहीं हैं,
तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये..
          "शब्द "
उलझा सकते हैं पर
      "मुस्कराहट "
हमेशा काम कर जाती है

    ##शुभप्रभात##

October 12, 2019

ऐ सांसों

ऐ सांसों जरा आहिस्ता चलों
अब बुढापा आ गया है इस आंगन में।१।
धडकनों तुम भी थोडा सुस्ताना सिखों सफेदी से उजियारा छा गया है इस आंगन मे।२।

रविंद्र "रवि" कोष्टी

October 6, 2019

ऐ जिंदगी चल ऊठ.....

तू न थक ऐ जिंदगी,
अभी बहुत दूर तलक जाना है हमें,
तू ही तो है अकेली मेरी हमसफर
चल ऊठ ऐ जिंदगी
इतनी जल्दी थकना नही है हमें।।
तू भी थक जाएगी मेरे जैसी
तो मेरा हौसला अफजाई
कौन करेगा??
मुझे सहारा दे
इस ढलती उम्र मे
कौन है जो ले चलेगा
मेरी उंगली थाम
मुझे उस मंजिल तक
जहाँ तलक होता है
सबका सफर
ऐ जिंदगी
उसके बाद तो तूम भी
बेवफाई करने से नही
कतराओगी
अपना मुँह फेर
आँखे चुरा
मुझे अकेला छोड
चल दोगी
जैसा सब के साथ करती हो
ऐ जिंदगी!!!!

रविंद्र "रवि" कोष्टी

September 21, 2019

दिल....

ख्वाबों मे लगाई थी
आग उनकी यादों को,
जाग गये तो अपने ही
दिल को जलते पाया हमने।
"रविंद्र 'रवी' कोष्टी"

September 14, 2019

गड़बड़ कहाँ हुई ..

गड़बड़ कहाँ हुई ..

दोस्तों, व्हाट्सएप ग्रुप में प्राप्त एक अच्छा संदेश यहाँ शेअर करना चाहता हुँ।

       एक बहुत ब्रिलियंट लड़का था। सारी जिंदगी फर्स्ट आया। साइंस में हमेशा 100% स्कोर किया। अब ऐसे लड़के आम तौर पर इंजिनियर बनने चले जाते हैं, सो उसका भी सिलेक्शन IIT चेन्नई में हो गया। वहां से B Tech किया और वहां से आगे पढने अमेरिका चला गया और यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफ़ोर्निया से MBA किया।

अब इतना पढने के बाद तो वहां अच्छी नौकरी मिल ही जाती है। उसने वहां भी हमेशा टॉप ही किया। वहीं नौकरी करने लगा।  5बेडरूम का घर  उसके पास। शादी यहाँ चेन्नई की ही एक बेहद खूबसूरत लड़की से हुई।

एक आदमी और क्या मांग सकता है अपने जीवन में ? पढ़ लिख के इंजिनियर बन गए, अमेरिका में सेटल हो गए, मोटी तनख्वाह की नौकरी, बीवी बच्चे, सुख ही सुख।

लेकिन दुर्भाग्य वश आज से चार साल पहले उसने वहीं अमेरिका में, सपरिवार आत्महत्या कर ली.अपनी पत्नी और बच्चों को गोली मार कर खुद को भी गोली मार ली। What went wrong? आखिर ऐसा क्या हुआ, गड़बड़ कहाँ हुई।

ये कदम उठाने से पहले उसने बाकायदा अपनी wife से discuss किया,फिर एक लम्बा suicide नोट लिखा और उसमें बाकायदा अपने इस कदम को justify किया और यहाँ तक लिखा कि यही सबसे श्रेष्ठ रास्ता था इन परिस्थितयों में। उनके इस केस को और उस suicide नोट को California Institute of Clinical Psychology ने ‘What went wrong'? जानने के लिए study किया।पहले कारण क्या था, suicide नोट से और मित्रों से पता किया। अमेरिका की आर्थिक मंदी में उसकी नौकरी चली गयी। बहुत दिन खाली बैठे रहे। नौकरियां ढूंढते रहे। फिर अपनी तनख्वाह कम करते गए और फिर भी जब नौकरी न मिली, मकान की किश्त जब टूट गयी, तो सड़क पर आने की नौबत आ गयी। कुछ दिन किसी पेट्रोल पम्प पर तेल भरा बताते हैं। साल भर ये सब बर्दाश्त किया और फिर पति पत्नी ने अंत में ख़ुदकुशी कर ली. इस case study को ऐसे conclude किया है experts ने :This man was programmed for success but he was not trained, how to handle failure.यह व्यक्ति सफलता के लिए तो तैयार था,पर इसे जीवन में ये नहीं सिखाया गया कि असफलता का सामना कैसे किया जाए। अब उसके जीवन पर शुरू से नज़र डालते हैं। पढने में बहुत तेज़ था, हमेशा फर्स्ट ही आया। ऐसे बहुत से Parents को मैं जानता हूँ जो यही चाहते हैं कि बस उनका बच्चा हमेशा फर्स्ट ही आये, कोई गलती न हो उस से। गलती करना तो यूँ मानो कोई बहुत बड़ा पाप कर दिया और इसके लिए वो सब कुछ करते हैं, हमेशा फर्स्ट आने के लिए। फिर ऐसे बच्चे चूंकि पढ़ाकू कुछ ज्यादा होते हैं सो खेल कूद, घूमना फिरना, लड़ाई झगडा, मार पीट, ऐसे पंगों का मौका कम मिलता है बेचारों को, 12th कर के निकले तो इंजीनियरिंग कॉलेज का बोझ लद गया बेचारे पर, वहां से निकले तो MBA और अभी पढ़ ही रहे थे की मोटी तनख्वाह की नौकरी। अब मोटी तनख्वाह तो बड़ी जिम्मेवारी, यानी बड़े बड़े targets कमबख्त ये दुनिया, बड़ी कठोर है और ये ज़िदगी,अलग से इम्तहान लेती है। आपकी कॉलेज की डिग्री और मार्कशीट से कोई मतलब नहीं उसे। वहां कितने नंबर लिए कोई फर्क नहीं पड़ता। ये ज़िदगी अपना अलग question paper सेट करती है। और सवाल, सब out ऑफ़ syllabus होते हैं, टेढ़े मेढ़े, ऊट पटाँग और रोज़ इम्तहान लेती है। कोई डेट sheet नहीं।एक अंग्रेजी उपन्यास में एक किस्सा पढ़ा था। एक मेमना अपनी माँ से दूर निकल गया। आगे जा कर पहले तो भैंसों के झुण्ड से घिर गया। उनके पैरों तले कुचले जाने से बचा किसी तरह। अभी थोडा ही आगे बढ़ा था कि एक सियार उसकी तरफ झपटा। किसी तरह झाड़ियों में घुस के जान बचाई तो सामने से भेड़िये आते दिखे। बहुत देर वहीं झाड़ियों में दुबका रहा, किसी तरह माँ के पास वापस पहुंचा तो बोला, माँ, वहां तो बहुत खतरनाक जंगल है इस खतरनाक जंगल में जिंदा बचे रहने की ट्रेनिंग बच्चों को अवश्य दीजिये।
विशेष -बच्चों को बस किताबी कीडा मत बनाईये, बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिक, समाजिक व संस्कार भी देना जरूरी है, हर परिस्थिति को ख़ुशी ख़ुशी धैर्य के साथ झेलने की क्षमता और उससे उबरने का ज्ञान और विवेक बच्चों में होना ज़रूरी है।
Don't  make them machine with brain rather humans with emotions and feelings 

बच्चे हमारे है, जान से प्यारे है।

August 4, 2019

माँ की ममता...

अपने पिता की मृत्यु के बाद बेटे ने अपनी माँ को वृद्धाश्रम में छोड़ दिया और कभी कभार उनसे मिलने चला जाता था ।

  एक शाम उसे वृद्धाश्रम से फ़ोन आया कि तुम्हारी माता जी की तबियत बहुत ख़राब है, एक बार आकर मिल लो ।
 
    पुत्र वहाँ गया तो उसने देखा कि माँ कि हालत बहुत गंभीर और मरणासन्न है ।

   उसने पूछा :- माँ मैं आपके लिये क्या कर सकता हूँ ?

  माँ ने जवाब दिया :- कृपा करके वृद्धाश्रम में पंखे लगवा दे यहाँ एक भी नहीं है
    और हाँ एक फ्रिज भी रखना देना ताकि खाना ख़राब ना हो क्योंकि कई बार मुझे बिना खाए ही सोना पड़ा ।
  पुत्र ने आश्चर्यचकित होकर पूछा :- माँ, आपको यहाँ इतना समय हो गया आपने कभी शिकायत नहीं करी, अब जब आपके जीवन का कुछ ही समय बचा है तब आप मुझे यह सब बता रही हो ।क्यों ?

  माँ ने जवाब दिया :- ठीक है बेटा, मैंने तो गर्मी, भूख और दर्द सब बर्दाश्त तर लिया, लेकिन.......
    जब तुम्हारी औलाद तुम्हें यहाँ भेजेगी तो मुझे डर है कि तुम ये सब सह नहीं पाओगे

   शानदार, अतुलनीय और आगे भेजने लायक.

July 31, 2019

सादगी

उनकी सादगी के क्या कहने?
बगियाँ मे सैर करती है
तो फुल भी शरमा जाते है.

July 30, 2019

उलझनें

कुछ उलझनें
वक्त के साथ हल हो जाती है,
उन्हे वही छोड देना ही
ठिक होता है
सुलझने के लिए।

July 20, 2019

अपोलो 11

दोस्तों, विज्ञान जगत में आज का दिन बहुत खास माना जाता है। 50 साल पहले 20 जुलाई 1969 को अमेरिका का अपोलो 11 यह अंतरिक्ष यान पहलीबार चांद्रभुमी पर मानव लेकर उतरा था।
चांद्रभूमी पर पहला कदम रखनेवाला मानव था निल आर्मस्ट्राँग और दुसरे का नाम था एडविन ऑल्ड्रिन. 
यह एक ऐतिहासिक दिन था।

June 16, 2019

जिंदगी का एक और दिन.....

देखा,
जिंदगी का एक और दिन गुजर गया
इतिहास मे खुद को समाने के लिए,
तब
आज को याद आया
कुछ तो रह गया है कल का कर गुजरने के लिए
पर, आज सोचता रहा अब कर लेता हुँ
लेकिन आलस ने उसे रोक दिया और
छोड दिया कल करने के लिए
लेकिन नाकाम आज, आज भी न कर सका कल का बचा काम
और देखते ही देखते
जिंदगी का एक और दिन गुजर गया
इतिहास मे खुद को समाने के लिए।

June 10, 2019

उम्र गुजर जाती है.....

उम्र गुजर जाती है
सवालों को जवाबों
तक ले जाने के लिए,
या फिर ठहर जाते है वो
रुह को खामोशी में जलाने के लिए ।१।
(क्रमशः)
(दोस्तों ये मैने नहीं मेरी बेटी ने लिखी है)