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November 8, 2019

ख्वाब...

जब नासमझ थे,
तो ख्वाब हमारी
मुट्ठी में बंद थे,
  
समझ आयी तो,
ख्वाबों ने हमें
मुट्ठी में बंद कर लिया,,,!

🙏   सुप्रभात   🙏

🌹आपका दिंन मंगलमय हो

3 comments:

kuldeep thakur said...


जय मां हाटेशवरी.......

आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
10/11/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......

अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद

dr.sunil k. "Zafar " said...

वाह। बहुत ही शानदार

मन की वीणा said...

थोड़े में गहन भाव भरता सृजन।