" कुछ पल"
मेरे अपने विचारों पर आधारित मेरा अपना ब्लॉग
Digital Hindi Blogs
December 1, 2019
मैं, मैं और मैं..
जंगल जंगल ढूँढ रहा है..मृग अपनी कस्तूरी...।
कितना मुश्किल है तय करना ...खुद से खुद की दूरी....।
भीतर शून्य.. !
बाहर शून्य.. !
शून्य चारो ओर है ..!
मैं नहीं हूं, मुझमें फिर भी "मैं - मैं" का ही शोर है।
🙏🏻सुप्रभात🙏🏻
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