(कवि:अज्ञात। व्हाट्सएप संदेश )
वो कागज की दौलत ही क्या
जो पानी से गल जाये और
आग से जल जाये
दौलत तो दुआओ की होती हैं
न पानी से गलती हैं
न आग से जलती हैं...
आनंद लूट ले बन्दे,
प्रभु की बन्दगी का।
ना जाने कब छूट जाये,
साथ जिन्दगी का।।
"ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है..
"महंगी घड़ी" सबको दे देना !
लेकिन.....
"मुश्किल घड़ी" किसी को न देना
🍁🍁🍁🙏सुप्रभात 🍁🍁🍁🙏
🌻 आपका दिन मंगलमय हो🌻
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