मेरे अपने विचारों पर आधारित मेरा अपना ब्लॉग
ख्वाबों मे लगाई थी आग उनकी यादों को, जाग गये तो अपने ही दिल को जलते पाया हमने। "रविंद्र 'रवी' कोष्टी"
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