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April 19, 2010

क्यो इतनी पथ्थर दिल हो तुम?

फुल सी नाजूक हो तुम,
शहद जैसी मिठी हो तुम,
तकदीर यदी साथ न दे तो
कांटो की चुभन हो तुम,
जिंदगी के शुभ नाम से
दुनिया में पहचानी जाती हो तुम॥ १॥

सबकी आंखो की चमक हो तुम ,
सबकी सांसो की लय हो तुम,
सांस यदी साथ न दे
तो दिल की एक चुभन हो तुम
जिंदगी के शुभ नाम से
दुनिया में पहचानी जाती हो तुम॥ २ ॥

गरीबो की राहो के कांटे हो तुम,
अमिरो के घरो की शोभा हो तुम,
सबको जीवन में सुख चैन न देती,
क्यो इतनी पथ्थर दिल हो तुम,
जिंदगी के शुभ नाम से
दुनिया में पहचानी जाती हो तुम॥ ३ ॥

2 comments:

हरकीरत ' हीर' said...

गरीबो की राहो के कांटे हो तुम,
अमिरो के घरो की शोभा हो तुम,
सबको जीवन में सुख चैन न देती,
क्यो इतनी पथ्थर दिल हो तुम,
जिंदगी के शुभ नाम से
दुनिया में पहचानी जाती हो तुम....

ज़िन्दगी फूल भी है खार भी
कभी किनारा तो कभी मझधार भी
जो हिम्मत से तैर हो जाये पार
खुशियाँ आती हैं उन्हीं के द्वार .....!!

रविंद्र "रवी" said...

आपने बहुत ही सही बात काही है"जो हिम्मत से तीर जाता है वही खुशियां मनाता है.