जिंदगी हम तुम्हारे करीब आना चाहते है तुम्हे सही माने में जीना चाहते है, बस दो वक्त सकूँ मिल जाए चैन की साँसे मिल जाए यही चाहत है हमारी जीवन भर के लिए पर तुम हो की पास नहीं आती पल भर के लिए पल भर के लिए पलभरकेलिए।
जिंदगी हम तुम्हारे करीब आना चाहते है तुम्हे सही माने में जीना चाहते है, .....kabhi-kabhijandagi abujh paheli ban jaate hai..... bhavpurn rachna.... सुख-दुःख, जीना मरना सुबकुछ यहाँ जानकर भी हम जानते कहाँ हैं गर जिंदगी कट जाय सुकूं से तो जिंदगी वर्ना जिंदगी रहती कहाँ हैं! Haardik shubhkamnayne..
8 comments:
nice
सुमनजी बहुत बहुत धन्यवाद.
जिंदगी हम तुम्हारे करीब आना चाहते है
तुम्हे सही माने में जीना चाहते है,
.....kabhi-kabhijandagi abujh paheli ban jaate hai..... bhavpurn rachna....
सुख-दुःख, जीना मरना सुबकुछ यहाँ
जानकर भी हम जानते कहाँ हैं
गर जिंदगी कट जाय सुकूं से तो जिंदगी
वर्ना जिंदगी रहती कहाँ हैं!
Haardik shubhkamnayne..
कविताजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद.सच्मुक जिंदगी एक अबुझ पहेली है.आपने मेरे दिल के हालात पहचान दिल से दाद दी है.
आपने सत्य लिखा है. जितना आप जिंदगी के करीब जाने की कोशिश करते हैं वो उतनी ही दूर होती चली जाती है. यही तो संघर्ष है.
धन्यवाद नरेशजी. जिंदगी ऐसी ही है इसीलिये कवि कवीता कर पाते है.
बहुत बढ़िया,
बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
पूरी कविता दिल को छू कर वही रहने की बात कह रही है जी,
संजय जी आपका शुक्रगुजार हुं.
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