जिन्दगी की राहो मे कांटॊं से बुने गालिचो पर चलते रहे है हम,
प्यार के फुल बिछा दो तो जख्मो को सुकुन मिल जाये।
जख्मी दिल को कुछ राहत मिल जाये,
और जिन्दगी के कुछ लम्हे चैन से जी सके हम।
प्यार के फुल बिछा दो तो जख्मो को सुकुन मिल जाये।
जख्मी दिल को कुछ राहत मिल जाये,
और जिन्दगी के कुछ लम्हे चैन से जी सके हम।
4 comments:
बहुत बढ़िया,
बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
bahut khub
achi rachana
shkehar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
धन्यवाद संजयजी!!!
शेखर आपका बहुत बहुत शुक्रिया!!!
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