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February 6, 2011

जिंदगी एक सागर है

(सोर्स :गूगल इमेज)

जिंदगी एक सागर है

हम उसकी एक गागर है

उपरवाला पैदा कर

हर क्षण इस गागर में

एक एक बूंद जीवन के टपकाता रहता है

और

जब यह गागर भर जाती है

वो उसे फोड देता है

फर्क बस इतना है दोस्तों की

कौनसी गागर कब भरनी है

और

उसे कब फोडना है

यह उपरवाले की मर्जी पर

निर्भर करता है ।
हम तो बस एक गागर भर है।



26 comments:

दर्शन कौर धनोय said...

बहुत सुंदर वर्णन किया हे आपने जिन्दगी का सचमुच कब किसकी गागर भर जाए कोई नही जनता , जिसदिन इंसान यह समझ लेगा उसी दिन से उसका स्वर्णिम युग शुरू हो जाएगा !

रविंद्र "रवी" said...

Thanks Darshanji!

रश्मि प्रभा... said...

gahri anubhuti...

Anuja Khaire said...

Nice Poem!

***Punam*** said...

jeevan ki sachchai yahi hai...bahut khoob ...

रविंद्र "रवी" said...

धन्यवाद रश्मिजी!

रविंद्र "रवी" said...

धन्यवाद अनुजाजी जो आप हमारे इस ब्लॉग पर पधारी!

Sharda Monga said...

Very nice.

रविंद्र "रवी" said...

shukriya punamji!

रविंद्र "रवी" said...

Thanks a lot shardaji!

DR.ASHOK KUMAR said...

बहुत ही अद्भुत भाव संजोय हैँ आपने रविन्द्र जी । आभार !

" देखे थे जो मैँने ख्याब..........कविता "

रविंद्र "रवी" said...

शुक्रिया डॉ. अशोक!!

संजय भास्‍कर said...

सुंदर वर्णन
अहसासों का बहुत अच्छा संयोजन है ॰॰॰॰॰॰ दिल को छूती हैं पंक्तियां ॰॰॰॰ आपकी रचना की तारीफ को शब्दों के धागों में पिरोना मेरे लिये संभव नहीं

रविंद्र "रवी" said...

हमेशा की तरह दिल को छूने वाली प्रतिक्रिया है आपकी संजय जी!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

गहन भावाभिव्यक्ति .....

रविंद्र "रवी" said...

Shukriya Monikaji!

Anonymous said...

अरे वाह एक दो दिन में झील का सागर भी हो गाय...मुझे तो आब जिंदगी एक बहुत बडा झोल लग रही है...


...शांती

रविंद्र "रवी" said...

बहुत सही फर्माया आपने. अगर बाढ को रोक न सके तो झील से सागर बनने मे कितनी देर लगेगी. और हा सचमुच अब जिंदगी एक बडा-सा झोल लगने लगी है.
अपना नाम तो बताईये

संजय भास्‍कर said...

....... काबिलेतारीफ बेहतरीन

रविंद्र "रवी" said...

संजयजी,दोबारा अपनी अनमोल प्रतिक्रिया देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया!

संतोष पाण्डेय said...

kya baat hai, bahut khoob.

रविंद्र "रवी" said...

शुक्रिया पांडेयजी!

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

अद्भुत जीवन दर्शन|
बधाई रवीन्द्र भाई|

रविंद्र "रवी" said...

शुक्रिया नवीनजी!

लाल कलम said...

बहुत सुन्दर रचना है सर
वाकई अदभुद जीवन दर्शन करा दिया आप ने

रविंद्र "रवी" said...

जिवन इसी का नाम है दिपजी!