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September 22, 2009

धुम्रपान

मैं दरअसल धुम्रपान करना ही नही चाहता पर क्या करू मन है की मानता ही नही। रत मे जब बिस्तर पे लेटता हूँ तब बहुत तकलीफ होती है। रात भर सोचता रहता हूँ, कसमे खाता हूँ की कल सुबह से बिल्कुल सिगरेट नही पिऊंगा। लेकिन रोज सुबह उठने के बाद पता चलता है की मेरी सोच काफी कमजोर है। सिगरेट में काफी दम है। वह मुझे खिचकर उस दुकान पर ले ही जाती है जहा सिगरेट मिलती है। दोस्तों क्या करू सिगरेट छोड़ना है यह सोचते सोचते जिंदगी के तकरीबन ३० साल गुजर गए , लेकिन वो कामिनी दूर न हो सकी। कोई मुझे बताएगा क्या करना चाहिए मुझे की मेरी यह दुनिया की सबसे बुरी आदत छुट जाए। कृपया सलाह दे। आपकी सलाहों का इंतजार है।

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