Digital Hindi Blogs



February 15, 2011

मेरी बेटी

दोस्तों, हमें एक बेटी ही है। इस साल वह एम् एस सी ( केमिस्ट्री) के अंतिम वर्ष में है। मेरा तबादला पुना में हुआ और मैने परिवार सहित पूना में रहने की सोच ली। उसे यहाँ एक अच्छे से कोलेज में दाखिला मिल गया। पिचले हप्तेसे उसके कोलेज में इंटर नेशनल केमिस्ट्री इयर मनाया गया। कुछ प्रतीयोगीतये हुई। पोस्टर कोम्पी टी शन मी उसने भाग लिया। सौभाग्य से मै पालक सभा में हिस्सा लेने गया था उसी समय उस प्रति योगिता का रिजल्ट डिक्लेअर किया गया। मेरे ही सामने मेरी बेटी को पहिला पुरस्कार मिला।मुझे बहुत ही आनंद हुआ। मन प्रफुल्लित हुआ। मुझे मेरी बेटी पर गर्व हुआ।
मैंने सोचा अपना आनद आपसे शेअर करू इसलिए यहाँ यह पोस्ट लिखी.

8 comments:

सदा said...

बहुत-बहुत बधाई ।

दर्शन कौर धनोय said...

बेटी होती ही हे ऐसी रविन्द्र जी-- ओस की बूंद की तरह --मेरी और से ऐसी काबिल बेटी को बधाई |

रविंद्र "रवी" said...

धन्यवाद सदाजी!

रविंद्र "रवी" said...

जी हां दर्शनजी, बेटी ऐसी ही होती है. हमें नाज है अपनी बेटी पर!

Dr Ved Parkash Sheoran said...

badhai ho

रविंद्र "रवी" said...

धन्यवाद वेद प्रकाशजी!

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल " said...

bahut sundar ,badhai ho .....

रविंद्र "रवी" said...

आपका बहुत बहुत शुक्रिया लक्ष्मी नारायणजी!