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September 28, 2021

जिंदगी .....

जिंदगी से नाउम्मीद तो कायर होते है,
बस, निगाहे गडाएँ बैठे रहिए,
और
ख्वाहिशों के दरवाजे खटखटाते रहिए
एक ना एक दिन 
पूरी जरुर होगी।
नाउम्मीदों का दामन थामे
ख्वाहिशों के गलियारों में
सारी जिंदगी भटकते रहिए
पर कभी नाउम्मीदों का दामन ना छोडे
वही तो वो तिनका होती है
जिनके सहारे 
जिंदगी काटना आसाँ हो जाता है।
कवि- रवींद्र'रवि' कोष्टी
मेरी कविताएँ

February 11, 2021

संगत

*हँसते हुए लोगो की संगत 

सुगंध की दुकान जैसी होती है.!*

*कुछ न खरीदो तो भी शरीर को महका ही देती है..!!*

*सादगी परम सौंदर्य है,क्षमा उत्कृष्ट बल है..!*

*विनम्रता सबसे अच्छा तर्क है..!!*
   *और अपनापन सर्वश्रेष्ठ रिश्ता है...!!*

   *सुप्रभात*
🌄🌅☕☕🌄🌅

February 10, 2021

अपनें...

कोई हमारी*
*गलतियां निकालता है*
*तो हमें खुश होना चाहिए..!*
*क्योंकि*
*कोई तो है*
*जो हमें पूर्ण दोष रहित*
*बनाने के लिए*
*अपना दिमाग और*
*समय दे रहा है ।*

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          *सुप्रभात*

🫖☕☕☕🙏🏻🙏🏻

February 6, 2021

रिश्तें

व्हाट्सएप की शाला से प्राप्त एक अच्छा संदेश....

मां-बाप उम्र से नहीं बल्कि*
    *फिकर से बूडे होते हैं*
    *कड़वा है मगर सच है*
 *जब बच्चा रोता है तो पूरी*
 *बिल्डिंग को पता चलता है*
           *मगर साहब*
 *जब मां-बाप रोते होते हैं तो बाजू*
 *वाले को भी पता नहीं चलता है*
     *ये जिंदगी की सच्चाई है*
                  *" गुरु "*
         *वही श्रेष्ठ होता है*
 *जिसकी प्रेरणा से किसी का*
         *चरित्र बदल जाये* 
           *और --- मित्र*
         *वही श्रेष्ठ होता है*
    *जिसकी संगत से रंगत*
       *बदल जाये*🌹🙏

January 15, 2021

अभिमान

*जो ज्ञानी होता है* 
    *उसे समझाया जा सकता है,*
    *जो अज्ञानी होता है उसे भी*
   *समझाया जा सकता है।*

 *परन्तु जो अभिमानी* 
    *होता है उसे कोई नहीं समझा*
   *सकता। उसे केवल वक्त ही*
   *समझा सकता है।*
   
              🌹 *सुप्रभात* 🌹

November 22, 2020

बिन माँगे मिल जाए....

*कुछ चीजे नजदीक जाने पर बगैर मांगे मिल जाती है जैसे* 
*बर्फ* के पास *शीतलता,*
*अग्नि* के पास *गरमाहट* और
*गुलाब* के पास *सुगंध*

*फिर भगवान् से मांगने की बजाये निकटता बनाइये सब कुछ अपने आप मिलना शुरू हो जायेगा।#*
        
          🌹 *सुप्रभात*🌹
   🌹🌹 जीवन उत्कर्ष🌹🌹

November 21, 2020

आज का सुविचार

आज का सुविचार
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गलतियां, विफलता, अपमान, निराशा और अस्वीकृति ये सभी उन्नति और विकास का ही एक हिस्सा है

कोई भी व्यक्ति इन पांचों चीजो का सामना किये बिना जीवन में कुछ भी  प्राप्त नहीं कर सकता

             🌹 सुप्रभातम 🌹

October 19, 2020

शानदार जीवन....

*🌹आज का विचार 🌹*
×××××××××××××××××× 
*जीवन को इतना शानदार बनाइए कि, आपको याद करके किसी निराश व्यक्ति की आखों में भी चमक आ जाए..!* 
           *जब तक साँस है,* 
           *"टकराव" मिलता रहेगा।*
           *जब तक रिश्ते हैं,* 
           *"घाव" मिलता रहेगा।*
           *पीठ पीछे जो बोलते हैं,*
           *उन्हें पीछे ही रहने दे।*
*अगर हमारे कर्म, भावना और रास्ता सही है तो, गैरों से भी " लगाव " मिलता रहेगा..!!*

            *🙏शुभ प्रभात 🙏*

September 23, 2020

कर्म

जिंदगी का एहसास

September 11, 2020

अदृश्य मदद

(दोस्तों, व्हाट्सएप की शाला में एक भावना प्रधान संदेश प्राप्त हुआ. मन को इतना भा गया की अपने आपको रोक न पाया। जरूर पढे)
मैं पैदल घर आ रहा था । रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था । पास जाकर देखा, लिखा था:   

कृपया पढ़ें

"इस रास्ते पर मैंने कल एक 50 का नोट गंवा दिया है । मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।" ...

यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई । पता याद रखा । यह उस गली के आखिरी में एक घऱ था । वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई । मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है । उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।

"माँ जी", मैंने कहा - "आपका खोया हुआ 50 मुझे मिला है उसे देने आया हूँ ।"

यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।

"बेटा, अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 दे चुके हैं । मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, । ठीक से दिखाई नहीं देता । पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।"

बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए । पर एक विनती की - ' बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा । जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।'मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी "माँ" ने यही कहा होगा । किसी ने भी नहीं फाड़ा ।जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है, ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा..!! मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया । जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा । सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई । और मैंने भी उस कागज को फाड़ा नहीं ।मदद के तरीके कई हैं सिर्फ कर्म करने की तीव्र इच्छा मन मॆ होनी चाहिए
🌿
                 *कुछ नेकियाँ*
                    *और*

                *कुछ अच्छाइयां..*

  *अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए,* 

          *जिनका ईश्वर के सिवाय..* 

          *कोई और गवाह ना हो...!!*🙏🌹🙏

Good Evening ❤️

September 9, 2020

इज़हार.....

तुम आती हो,
साथ खुशियों की हजारोंं
लहरें लेकर,
हर लहर के संग 
उडने को मन करता हैं।
खुशियों के गुब्बारे 
आसमाँ में उडने लगते हैं,
बस 
इज़हार करने से डर लगता है।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

September 8, 2020

होमाफिस

दोस्तों इन दिनों हम जिंदगी के कुछ अजिब दौर से गुजर रहे है। ऐसा लगता है जैसे एक गहरी सुरंग से यह जिंदगी गुजर रही है। मार्च २०२० से कोरोना ने सारी  दुनिया में कहर कर रखा है. सारी  दुनिया ही इससे परेशान है. कोई इलाज नही, कोई भी दवाई नहीं ऐसी इस  अजीब बीमारी ने इस दुनिया को त्रस्त  कर के रखा है. पुर ५ महीने हो गए है. आगे भी कब तक यह बीमारी चलने वाली है कोई नहीं बोल सकता.
लेकिन एक बात ध्यान देने लायक है. इसमें आय.टी क्षेत्र के ही  ऐसे लोग है जिनको लोक डाउन और इस बीमारी का कोई खास असर नहीं पड़ा है. क्यों की सॉफ्टवेयर पर कही भी बैठकर काम किया जा सकता है. आपके पास बस एक लेपटॉप और इंटरनेट चाहिए। सफर में भी आप काम कर सकते है. इतना ही नहीं दुनिया के किसी भी कोने में आप हो तो भी आप काम कर सकते है. यही इस नौकरी की खाशियत है. इसलिए जब से लॉक डाउन हुआ है आय टी वाले घर बैठकर ही काम कर रहे है. घर जैसे ऑफिस हो गया हो. इसलिए मैंने घर को घर नहीं अब होमाफिश कहना बेहतर समझा है.
एक बात लेकिन खटकती है. घर में ऑफिस जैसी शांति का माहौल बनाना पड़ता है. क्योकि उन लोगो की ऑनलाइन मीटिंग होती रहती है. इसलिए घर में कोई आवाज नहीं कर सकता. ना गाना गाना . ना गुनगुनानाना. बस मुँह पर हाथ रख के चुपचाप बैठे रहना. टी व्ही नहीं, ना समाचार देखो ना सीरियल. इंसान करे तो क्या करे भाई? पागल ही होगा और क्या? कौन बोला भाई? अरे ये तो मेरा अपना दिल ही बोल रहा है.  इस मोबाईल बनानेवाले का तहेदिल से शु क्रिया अदा  करना चाहिए. अच्छा हुआ उसने यह अविष्कार दुनिया को दिया. काम से काम हम बूढ़े लोगो के काम तो आया. किताबे बहुत है घर में. लेकिन जब से स्मार्ट मोबाईल आया है तब से कोई भी किताब पढ़ना पसंद नहीं करता. अजी हाथ भी नहीं लगता कोई. चलो छोड़ो.
बच्चे जो आय टी में है एक कमरा अड़का के बैठ जाते है पूरा दिन. उस कमरे में दूसरे सभी को प्रवेश बंद रहता है . सिर्फ माँ को परमिशन रहती है. माँ चाय देना, माँ पानी देना, माँ खाना देना, फिर दोपहर की चाय फिर रात का खाना. और दिनभर बेचारे काम करा के थक जाते है इसलिए माँ रात में कोई काम नहीं बताती. बाप बेचारा पुरादिन काम करता रहता है. इस बुढ़ापे में लेकिन थकता नहीं. अजी थकता हो तो भी कौन सुननने वाला बाकि है इस दुनिया में..  एक माँ ही होती. जिसे अपना  दुखडा सूना पाते थे. वो भी चली गयी. अब बस अकेले ही बतियाते रहो. कोई सुनाने वाला बचा ही नहीं. घरवाली तो सुनाने से रही. बतियाने के लिए मुँह खोला नहीं की चल देती है. वो शब्द मुँह में ही अटक के रह जाते है. बेचारे. पैदा होने से पहले की मर जाते है.
अच्छा इस कोरोना से पहले किसी बहाने बाहर घूमने या कहे कुछ खरीदने निकल पड़ते थे. पर इस लोक डाउन ने नहीं नहीं इस कोरोना ने वो रास्ता भी बंद कर दिया है. और उसे देखो तो. वो खुले आम दुनिया में घूम रहा है. कोई रोकटोक नहीं. किस की हिम्मत है जो उस बन्दे को रोक सके. अजी उससे फासला जो बनाना होता है. यदि कोई नजदीक आ भी जाये तो वही कह देता है की "कॄपया सामाजिक दुरी बना के रखिये. सरकारी नियमो का पालन करिये." बेचारे सभी दूर भाग जाते है.
इस लॉक डाउन सब से बुरा असर किसी पर पड़ा है ऐसा बोले तो वो बूढ़ो  पर पड़ा है. क्यों की घर में २४ घंटे रहो तो घर वालो को बोझ लगते है. बहार निकालो तो कोरोना दबोचने के लिए तत्पर रहता है. बेचारे बूढ़े लोग जाए तो कहाँ  जाए.

August 29, 2020

दिल की गहराई

कौन कहता है गहराई सिर्फ समुंदर की होती है,
जरा दिल की गहराई में झाँक कर देखिए जनाब कई समुंदर समाए हुए मिलेंगे।।
मेरी रचना

August 3, 2020

हिंदी हमारी भाषा

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा बडी गहन है। भावनाओं से ओतप्रोत। आपके मन मे जिस तरह के भाव चल रहे होते है बस उसी मिजास से शब्द आपके मुख से बाहर आते है। जैसे की आप बहुत घुस्से मे है तो आप अपने लाडले को बेटा कह कर नहीं बुलाओगे। उस समय वो भद्दा लगेगा। नहीं नहीं, भाई बेटा शब्द आपके मुख से निकलेगा ही नहीं। आप कहोगे ऐ छोकरे।
वैसे ही बेटे को पिताजी ने पैर मारा ऐसा कही कहा जाता है भला? उस समय लात मारी यही कहना उचित होता है और शोभा भी देता है।(पिताजी ने लात मारना यह पुराने जमाने की बात हो गयी अब।)

जब आप प्यार दुलार से बात करते हो तब आपके मुँह से बेटा जरा यहाँ आओ। ऐसे शब्द बाहर आयेंगे। उस समय ऐ छोकरे इधर आ ऐसा बिल्कुल भी नही कहोगे। 

वैसे ही पत्नी जब पती को लाड प्यार से आवाज देती है तो अजी जरा सुनो तो ऐसे कहेगी। लेकिन जब गुस्से मे हो तब .......

July 26, 2020

आर्ट ऑफ लाईफ

🌹🥀🌹🥀🌹🥀🌹🥀🌹🥀🌹🥀
*प्रेम और आँसू की पहचान भले ही अलग अलग हो किन्तु दोनों का गोत्र एक ही है हृदय*
*उम्र का बढ़ना तो दस्तूरे-जहाँ है महसूस न करो तो बढ़ती कहां है उम्र को अगर हराना है तो शौक जिन्दा रखिए*
*घुटने चले या न चले मन उड़ता परिंदा रखिए मुश्किलों का आना 'Part of life' है और उनमें से हँस कर बाहर आना 'Art of life' है*
*🌹🥀🌹🥀🌹शुभ प्रभात 🌹🥀🌹🥀🌹*

July 11, 2020

सुंदरता...

(व्हाट्सएप पर एक बहुत ही सुंदर संदेश प्राप्त हुआ. आपके लिए शेअर कर रहा हुँ।
🌳🌴🗒️✒️ 
👌 *सुंदरता*🤝

एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान एक 30 वर्षीय युवक को खडा कर पूछा कि आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है तो आप क्या करोगे ?

युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।

गुरु जी ने पूछा - वह लडकी आगे बढ गयी तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे ?

लडके ने कहा - हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो। (सभा में सभी हँस पडे)

गुरु जी ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ?

युवक ने कहा 5 - 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।

गुरु जी ने उस युवक से कहा - अब जरा सोचिए, आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना।

आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए। उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो बडे अरबपति हैं। घर के बाहर 10 गाडियाँ और 5 चौकीदार खडे हैं। आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठकर गरम खाना खिलाया। जाते समय आप से पूछा - किसमें आए हो ? आपने कहा- लोकल ट्रेन में। उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया - भैया, आप आराम से पहुँच गए।

अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?

युवक ने कहा - गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।

गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा
"यह है जीवन की हकीकत।"

*"सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है, पर हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।"*

बस यही है जीवन का गुरु मंत्र:

*अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज़्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दे, जीवन आनंददायक बन जाएगा।*🙏🌹🤝🇮🇳

July 7, 2020

खुबसुरती...

इज़हारे खुबसुरती उन्हे मंजूर नहीं
हम तो बस दिल के हालात बयाँ करते है।।

मेरी शायरी
रविंद्र "रवी" कोष्टी

July 2, 2020

नज़रिया

June 28, 2020

Stay home....

जिन्दगी खूबसूरत हैं
इसे बचाए ...

फिलहाल दुरियों से ही
इसे सजाए ...

Stay Home_Stay Safe