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September 28, 2021

जिंदगी .....

जिंदगी से नाउम्मीद तो कायर होते है,
बस, निगाहे गडाएँ बैठे रहिए,
और
ख्वाहिशों के दरवाजे खटखटाते रहिए
एक ना एक दिन 
पूरी जरुर होगी।
नाउम्मीदों का दामन थामे
ख्वाहिशों के गलियारों में
सारी जिंदगी भटकते रहिए
पर कभी नाउम्मीदों का दामन ना छोडे
वही तो वो तिनका होती है
जिनके सहारे 
जिंदगी काटना आसाँ हो जाता है।
कवि- रवींद्र'रवि' कोष्टी
मेरी कविताएँ

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