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September 9, 2020

इज़हार.....

तुम आती हो,
साथ खुशियों की हजारोंं
लहरें लेकर,
हर लहर के संग 
उडने को मन करता हैं।
खुशियों के गुब्बारे 
आसमाँ में उडने लगते हैं,
बस 
इज़हार करने से डर लगता है।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

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