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September 11, 2011

आंसू

तेरे गम में बह गया है 
  मेरा एक एक आंसू
नहीं अब कोई सितारा 
 जो चमक सके गगन में. 
-कतील शिकाई

8 comments:

केवल राम said...

उसका गम भी क्या है .....???

S.N SHUKLA said...

khoobsoorat post


कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें.

रविंद्र "रवी" said...

Aap dono kaa aabhar!

संजय भास्‍कर said...

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा

रविंद्र "रवी" said...

Thanks sanjayji!

S.N SHUKLA said...

मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं

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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग said...

Sundar rachna.

रविंद्र "रवी" said...

आप सभी का आभार!!!