Digital Hindi Blogs



September 24, 2011

तलाश...

पथ अगम मेरा 
लक्ष्य अबोध है
नहीं है जो मंजिल मेरी 
उसी की तलाश में 
भटक रहा हु मै!!

एक बूंद प्यार की 
जो प्यास बुझाएगी मेरी
अज्ञात है जो 
उसी सुराही की तलाश में
भटक रहा हु मै!!

शांति मिले, छाया मिले
अपना कोई मिले मुझे 
जो न मालुम 
उसी वृक्ष की तलाश में 
भटक रहा हु मै!!

11 comments:

virendra said...

bahut sunder abhivyakti
dhanyawaad

रविंद्र "रवी" said...

आपका बहुत बहुत धन्यवाद विरेन्द्रजी!

***Punam*** said...

शायद ये तलाश सबकी है.....
सुन्दर अभिव्यक्ति...!!

रविंद्र "रवी" said...

आभार पुनमजी!!!!

Dr.NISHA MAHARANA said...

बहुत बढिया।

Dr.NISHA MAHARANA said...

बहुत बढिया।

रविंद्र "रवी" said...

शुक्रिया निशाजी!

Anonymous said...

chhan ahe kavita!!

- jivanika

Ravikant yadav said...

good

Anil Kumar Agrawal said...

बहुत सुंदर

रविंद्र "रवी" said...

Dhanyavad