हे चांद,
किसके गम में जिता ही तू
क्यो जागता रहता है तू रात भर
कौन है वो बदनशिब
जिसने तुझे भुला दिया है
जानता हु मै,
जिसने तुझे भुला दिया है
जानता हु मै,
तुझमे दाग है न,
तेरी खुबसुरती मे दाग है
पर क्या हुआ
हर एक पर दाग होता ही है
ऐसा है कोई जिस पर कोई दाग न हो?
कोई है जिसमे खोट न हो?
नही शायद नही
फिर क्यो ऐसा क्यो?
तेरी इतनी सी खोट का इतना बडा जुल्म
कितना गम मिला है तुझे?
फिर भी तु खुश रहता है
रातो मे करवटे बदलता है
और अंत मे सो जाता है
एक दिन वो भी आता है
जब रात भर जागता है तु
कतल की रात होती वो
हे रजनी पती
अरे हा
कही वो बेवफा रजनी तो नही?
जो तुझे छोड गयी है!
हां, ऐसा ही लगता मुझे
हा वही है वो बेवफा
कितनी दुर चली गयी है वो
तु कहा आकाशलोक मे
वो कहा धरती पर
फिर दोनो का मिलन कैसे होगा?
असम्भव है यह
अब ऐसा नही होगा
तुम दोनो कभी नही मिलोगे
केवल ताकते रहोगे एक दुसरे को जोवन भर
तु वहा से देखना
रजनी यहा से देखेगी
तेरी दुनिया मे सब सो जाते है
तारे झिलमिलाते है
पर तु तब भी जागता रहता है
मुहब्बत के मारो पर हमेशा जुल्म होता है
बेचारो को गम के शिवा मिलता ही क्या है?
हे रजनीपती
हर एक पर दाग होता ही है
ऐसा है कोई जिस पर कोई दाग न हो?
कोई है जिसमे खोट न हो?
नही शायद नही
फिर क्यो ऐसा क्यो?
तेरी इतनी सी खोट का इतना बडा जुल्म
कितना गम मिला है तुझे?
फिर भी तु खुश रहता है
रातो मे करवटे बदलता है
और अंत मे सो जाता है
एक दिन वो भी आता है
जब रात भर जागता है तु
कतल की रात होती वो
हे रजनी पती
अरे हा
कही वो बेवफा रजनी तो नही?
जो तुझे छोड गयी है!
हां, ऐसा ही लगता मुझे
हा वही है वो बेवफा
कितनी दुर चली गयी है वो
तु कहा आकाशलोक मे
वो कहा धरती पर
फिर दोनो का मिलन कैसे होगा?
असम्भव है यह
अब ऐसा नही होगा
तुम दोनो कभी नही मिलोगे
केवल ताकते रहोगे एक दुसरे को जोवन भर
तु वहा से देखना
रजनी यहा से देखेगी
तेरी दुनिया मे सब सो जाते है
तारे झिलमिलाते है
पर तु तब भी जागता रहता है
मुहब्बत के मारो पर हमेशा जुल्म होता है
बेचारो को गम के शिवा मिलता ही क्या है?
हे रजनीपती
(रविन्द्र रवि)
14 comments:
bahut sundar rachna hai ravi ji
Dhanyavaadji!
बहुत ही सुन्दर रचना |
कृपया मेरी भी रचना देखें और ब्लॉग अच्छा लगे तो फोलो करें |
सुनो ऐ सरकार !!
और इस नए ब्लॉग पे भी आयें और फोलो करें |
काव्य का संसार
बहुत ही सुन्दर रचना |
धन्यवाद प्रदिपजी, सोमालीजी शुक्रिया!!
प्रिय हिंदी ब्लॉगर बंधुओं ,
आप को सूचित करते हुवे हर्ष हो रहा है क़ि आगामी शैक्षणिक वर्ष २०११-२०१२ के दिसम्बर माह में ०९--१० दिसम्बर (शुक्रवार -शनिवार ) को ''हिंदी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं '' इस विषय पर दो दिवशीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस संगोष्ठी को संपोषित किया जा सके इस सन्दर्भ में औपचारिकतायें पूरी की जा चुकी हैं. के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजन की जिम्मेदारी ली गयी है. महाविद्यालय के प्रबन्धन समिति ने संभावित संगोष्ठी के पूरे खर्च को उठाने की जिम्मेदारी ली है. यदि किसी कारणवश कतिपय संस्थानों से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई तो भी यह आयोजन महाविद्यालय अपने खर्च पर करेगा.
संगोष्ठी की तारीख भी निश्चित हो गई है (०९ -१० दिसम्बर२०११ ) संगोष्ठी में आप की सक्रीय सहभागिता जरूरी है. दरअसल संगोष्ठी के दिन उदघाटन समारोह में हिंदी ब्लागगिंग पर एक पुस्तक के लोकार्पण क़ी योजना भी है. आप लोगों द्वारा भेजे गए आलेखों को ही पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जायेगा . आप सभी से अनुरोध है क़ि आप अपने आलेख जल्द से जल्द भेजने क़ी कृपा करें . आलेख भेजने की अंतिम तारीख २५ सितम्बर २०११ है. मूल विषय है-''हिंदी ब्लागिंग: स्वरूप,व्याप्ति और संभावनाएं ''
आप इस मूल विषय से जुड़कर अपनी सुविधा के अनुसार उप विषय चुन सकते हैं
जैसे क़ि ----------------
१- हिंदी ब्लागिंग का इतिहास
२- हिंदी ब्लागिंग का प्रारंभिक स्वरूप
३- हिंदी ब्लागिंग और तकनीकी समस्याएँ
४-हिंदी ब्लागिंग और हिंदी साहित्य
५-हिंदी के प्रचार -प्रसार में हिंदी ब्लागिंग का योगदान
६-हिंदी अध्ययन -अध्यापन में ब्लागिंग क़ी उपयोगिता
७- हिंदी टंकण : समस्याएँ और निराकरण
८-हिंदी ब्लागिंग का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य
९-हिंदी के साहित्यिक ब्लॉग
१०-विज्ञानं और प्रोद्योगिकी से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
११- स्त्री विमर्श से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१२-आदिवासी विमर्श से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१३-दलित विमर्श से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१४- मीडिया और समाचारों से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१५- हिंदी ब्लागिंग के माध्यम से धनोपार्जन
१६-हिंदी ब्लागिंग से जुड़ने के तरीके
१७-हिंदी ब्लागिंग का वर्तमान परिदृश्य
१८- हिंदी ब्लागिंग का भविष्य
१९-हिंदी के श्रेष्ठ ब्लागर
२०-हिंदी तर विषयों से हिंदी ब्लागिंग का सम्बन्ध
२१- विभिन्न साहित्यिक विधाओं से सम्बंधित हिंदी ब्लाग
२२- हिंदी ब्लागिंग में सहायक तकनीकें
२३- हिंदी ब्लागिंग और कॉपी राइट कानून
२४- हिंदी ब्लागिंग और आलोचना
२५-हिंदी ब्लागिंग और साइबर ला
२६-हिंदी ब्लागिंग और आचार संहिता का प्रश्न
२७-हिंदी ब्लागिंग के लिए निर्धारित मूल्यों क़ी आवश्यकता
२८-हिंदी और भारतीय भाषाओं में ब्लागिंग का तुलनात्मक अध्ययन
२९-अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी ब्लागिंग क़ी वर्तमान स्थिति
३०-हिंदी साहित्य और भाषा पर ब्लागिंग का प्रभाव
३१- हिंदी ब्लागिंग के माध्यम से रोजगार क़ी संभावनाएं
३२- हिंदी ब्लागिंग से सम्बंधित गजेट /स्वाफ्ट वयेर
३३- हिंदी ब्लाग्स पर उपलब्ध जानकारी कितनी विश्वसनीय ?
३४-हिंदी ब्लागिंग : एक प्रोद्योगिकी सापेक्ष विकास यात्रा
३५- डायरी विधा बनाम हिंदी ब्लागिंग
३६-हिंदी ब्लागिंग और व्यक्तिगत पत्रकारिता
३७-वेब पत्रकारिता में हिंदी ब्लागिंग का स्थान
३८- पत्रकारिता और ब्लागिंग का सम्बन्ध
३९- क्या ब्लागिंग को साहित्यिक विधा माना जा सकता है ?
४०-सामाजिक सरोकारों से जुड़े हिंदी ब्लाग
४१-हिंदी ब्लागिंग और प्रवासी भारतीय
आप सभी के सहयोग क़ी आवश्यकता है . अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
हिंदी विभाग के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय
गांधारी विलेज , पडघा रोड
कल्याण -पश्चिम, ,जिला-ठाणे
pin.421301
महाराष्ट्र
mo-09324790726
manishmuntazir@gmail.com
http://www.onlinehindijournal.blogspot.com/
http://kmagrawalcollege.org/
बहुत सुंदर
कोई है जिसमे खोट न हो?
नही शायद नही
फिर क्यो ऐसा क्यो?
क्या बात है, बहुत सुंदर
निमन्त्रण के लिये बहुत भुत शुक्रिया मनिष कुमारजी!
धन्यवाद महेन्द्रजी!
tarif ko lafj nahi pass mere
lekhu kuch yah ahsas nahi mujhe
itane acchi rachana hai ki kahu kyay batt nahi pass mere
कार्तिक मास के सभी त्योहारों की शुभ कामनाएं
आपके जीवन में प्रतिदिन दीपावली रहे
रविन्द्र जी आपकी रचना कुछ अलग बाया कर रही है समझाने वाले समझ ही लेते है
मधु त्रिपाठी MM
शुक्रिया मधुजी!!!!आप हमारी रचना समझ बहुत अच्छा लगा!धन्यवाद!
बहुत ही सुन्दर रचना |
कृपया मेरी भी रचना देखें और ब्लॉग अच्छा लगे तो फोलो करें |
Post a Comment