मेरे अपने विचारों पर आधारित मेरा अपना ब्लॉग
बहुत खूबसूरत सोचसटीक लिखा है आपने! सुन्दर चित्र के साथ उम्दा प्रस्तुती!
भावमय करते शब्दों का संगम.....
वाह सुंदर
सुंदर रचना...
धन्यवाद संजयजी और प्रविणजी!
महेन्द्रजी, आभार!
सुषमाजी,बहुत बहुत शुक्रिया!
आत्मविश्वास से परिपूर्ण रचना बहत सुन्दर ...बधाई
पथ को पथाये मानेगा नहीं ,गंतव्य पर धरेगा अंतिम पग बेधडक .
किसि को एक पग मे सहारा मिल जाता है,तो किसि से एक पग पे हि सहारा छिन जाता है,अक्सर जिन गलियो से गुजरते है हम,वहां कोइ ना कोइ दिल से हारा मिल जाता है,बेचैन होता है कोइ किसि के लिये,तो कोइ आंखो मे आंसु लिये मिल जाता है,किसि को जिंदगि भर के लिये मिलति है खुशियां,तो किसि के हिस्से मे दो पल हि खुशि का आता है !लेखक:रोशन दूबेलेखन दिनाँक: 14 दिसम्बर २०११ (सायकाल 8 बजे)http://rdshayri.blogspot.com/2011/12/blog-post_14.html
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10 comments:
बहुत खूबसूरत सोच
सटीक लिखा है आपने! सुन्दर चित्र के साथ उम्दा प्रस्तुती!
भावमय करते शब्दों का संगम.....
वाह सुंदर
सुंदर रचना...
धन्यवाद संजयजी और प्रविणजी!
महेन्द्रजी, आभार!
सुषमाजी,बहुत बहुत शुक्रिया!
आत्मविश्वास से परिपूर्ण रचना
बहत सुन्दर ...बधाई
पथ को पथाये मानेगा नहीं ,गंतव्य पर धरेगा अंतिम पग बेधडक .
किसि को एक पग मे सहारा मिल जाता है,
तो किसि से एक पग पे हि सहारा छिन जाता है,
अक्सर जिन गलियो से गुजरते है हम,
वहां कोइ ना कोइ दिल से हारा मिल जाता है,
बेचैन होता है कोइ किसि के लिये,
तो कोइ आंखो मे आंसु लिये मिल जाता है,
किसि को जिंदगि भर के लिये मिलति है खुशियां,
तो किसि के हिस्से मे दो पल हि खुशि का आता है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 14 दिसम्बर २०११ (सायकाल 8 बजे)
http://rdshayri.blogspot.com/2011/12/blog-post_14.html
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