बस अब इंतजार ही तीन दोस्तो का. वो आ जाये और दोस्ती का हात बढाये तो मेरा शतक पुरा हो जाये. हम भी अपने आप को धन्य समझने लगेंगे.
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की मुझे किस का इंतजार है. यदि नहीं तो पहेली बुझा दू. अजी अब पुरे ९७ फोलोअर्स हो चुके है. अब सिर्फ ३ आना बाकी है. तो दोस्तों चलिए दोस्ती के हाथ बढाइये.
मेरे सभी चाहनेवालो का शुक्रगुजार हु. सभी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हु. इसी तरह हौसला बढ़ाते रहियेगा.
7 comments:
आ जाइये मित्रों, कहां हैं आप..
ye leejiye, apka sauwan dost ban gaya.
"ghoom raha tha ek parinda, yunhi khuli hawaon me.ek daal ko 'ghar'kar baitha, thee kuchh baat sadaon me."
ye leejiye, apka sauwan dost ban gaya.
"ghoom raha tha ek parinda, yunhi khuli hawaon me.ek daal ko 'ghar'kar baitha, thee kuchh baat sadaon me."
धन्यवाद महेन्द्रजी!!!!!!!!!
हम आपके शुक्रगुजार है गोविल साहब!!!!!!
"एक परिन्दा घुमते घुमते
गलतीसे आया इस डाल पर
कुछ पल बैठ यहां
पाया उसने कुछ सुकुन
इस डाल पर!"
jaldi aao...
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very nice article...
MR. Realestate
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