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July 20, 2010

शायद

शायद,
रोज रात चाँद आँसमाँ से तुम्हे देखता है,
और
तुम्हारी खुबसुरती की रोशनी से अपनी आँखे चुरा लेता है,
शायद,
उसे डर लगता है
कही दुनियावाले तुम्हे ही चाँद न समझ बैठे
शायद
इसी डर से वो हौले हौले छुपता है
और
एक दिन पुरी तरह लुप्त हो जाता है
शायद
उसी रात को अमावस की रात कहते है.
और फिर
जब सभी तारें आँसमाँ में
एक होकर उसे समझाते है
वो हौले हौले झाँक झाँक कर तुम्हे निहारता है
और
जब उसका डर दुर हो जाता है
वह पुरी तरह आँसमाँ में छा जाता है
शायद उसी रात को
लोग पुनम की रात कहते है.

July 16, 2010

सपनों की परी

सपनो की परी
कल रात मैने देखा एक सपना,
तब मैने पाया वहा कोई नही है अपना.
मगर अचानक, मेरे पास एक परी आई
लहराती जुल्फे, झील सी गहरी आंखे
और
मदमस्त निगाहे मैने अपनी ओर ही पायी.
सोच रहा था मै कौन है ये हसीना?
सोचते सोचते ही छुट गया मुझको पसीना!
और नजदीक आयी तो धुंदला सा चेहरा मुझे नजर आया,
क्या बताऊ मै मैने सपने मे तुम्ही को पाया.
तुम हो की मेरे दिल-ओ-दिमाग पे छायी हुई हो,
लेकिन जब से तुम पराई हुई हो,
मेरा दिल इस बात को मानने को तैयार ही नही
बहुत समझाता हु उसे मगर वो समझता ही नही
समझता ही नहीसमझता ही नही.

July 11, 2010

जिंदगी एक ..............

जिंदगी एक सफर है
आज यहां कल वहां
परसो कही और है।
जिंदगी एक गाना है,
प्यार से गाओ
तो लगता सुहाना है।

जिंदगी एक मिल्कीयत है
जीसका कोई मोल नही
यही इसकी खासियत है।

कब आओगी?



रात
सुहानी ढल चुकी,
तारे भी थक सो चुके
हवा भी अब थम गयी
मगर
तुम अब तक नहीं आई?

July 1, 2010

तारे जमी पर




जब तुम आती हो जाने मन मेरे द्वारे
बहारे खिल उठती है
फूल अपनी महक बिखुरते है
तारे ज़मी पर आ जाते है
और अचानक मेरे आंगन में
चाँद उतर आता है।
मानो
मुझसे मुस्कराते हुए कह रहा हो,
मेरे दोस्त,
तुम खुशनसीब हो
तुम्हे इतना खुबसूरत साथी
जो मिला है,
मै तो बदनसीब हु
मुझे तो हमेशा रजनी के साथ ही रहना होता है।
रजनी,
जिसके आते ही
चारो तरफ अँधेरा छा जाता है
और उस अँधेरे को
अपनी खूबसूरती से
मै दूर करने की कोशिश करता हु,
मेरे साथी आसमान से
चार चाँद लगाने की कोशिश करते है,
मगर वो ( तारे) ज़मी पर उतर नहीं पाते.