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March 7, 2010

जिंदगी के हंसी लम्हें

तुम्हारे संग बिताये उन हसीं लम्हों की
याद आते ही मै तुम्हारी याद में खो जाता हु
और तुम्हे जिंदगी में कभी भी भूल सकू
इस उद्देश से अपने
भविष्य के लम्हों में से
कुछ लम्हे ख़ास तुम्हारी यादो को
याद करके जीने के लिए
संजो के रख देता हु
अपने दिल की तिजोरी में

5 comments:

संजय भास्‍कर said...

कुछ लम्हे ख़ास तुम्हारी यादो को
याद करके जीने के लिए
संजो के रख देता हु
अपने दिल की तिजोरी में

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में



संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

संजय भास्‍कर said...

ravindra ji mughe aapki rachnaye bahut hi pasand aai

maine inhe apne blog ke zareye dobara logo ke saamne lana chata hoon...
aagar aapki ijazat ho to....

रविंद्र "रवी" said...

संजय जी, आपकी यह अदा सबसे अलग है. आपने मेरी हर रचना पर दो दो बार पने मन कि भावनाओ को व्यक्त किया है. मै आपका कैसे शुक्रिया अदा करू समझ नही पा रहा हुं.
आपका ताहे दिल से धन्यवाद.

रविंद्र "रवी" said...

संजय जी बहुत मजा आता है जब कोई अपने दिल कि बात समझने वाला मिल जाता है. आपसे बिनती है मेरी अंग्रेजी भाषा कि काविताये जरूर पढे. वाह भी मैने चंद शब्दो में हर रस का इस्तेमाल करके लोगो को कुछ सिख देणे कि कोशिश कि है.