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आपको भी... "मकर संक्रांति की शुभ कामनाये"
ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, कोहरे में भोर हुई!नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", मिलत, खिलत, लजियात ... ... .संपादक : सरस पायस
धन्यवाद सचिन!!!
धन्यवाद रावेन्द्रकुमारजी !!!
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आपको भी... "मकर संक्रांति की शुभ कामनाये"
ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, कोहरे में भोर हुई!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", मिलत, खिलत, लजियात ... ... .
संपादक : सरस पायस
धन्यवाद सचिन!!!
धन्यवाद रावेन्द्रकुमारजी !!!
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