" कुछ पल"
मेरे अपने विचारों पर आधारित मेरा अपना ब्लॉग
Digital Hindi Blogs
February 18, 2020
वाह री जिंदगी..
बचपन में
कुछ भी नही था साथ
था तो बस हौसला,
डटे रहे
जिंदगी जिते रहे।
आज बुढापे में
सब कुछ है
लेकिन
जिने के लिए
हौसला नहीं हैं।
हौसला अफ़ज़ाई करनेवाले
तब भी नदारद थे
आज भी नदारद हैं।
रविंद्र "रवी" कोष्टी
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