बिते वर्ष पग पग चलते हर राही का मुझको स्नेह मिला,
हर पल हर पल न थम चलती सांसों से भी मुझको स्नेह मिला,
राहों में मिलते सुख दुख ने भी मनभर मुझको स्नेह दिया,
हर राह पर मित्रों ने भी मुझको परम स्नेह
वितरित किया
बस रह गया इतना ही मुझसे मैने न उनको धन्यवाद दिया,
आज इस वर्ष समाप्ती की और नव वर्ष आगमन की बेला पर,
मेरा हर राही, मेरी सांसों तुमको,
सुख दुख और मित्रों तुमको भी
दिल की गहराईयों से धन्यवाद।
नववर्ष में भी तुम सब मेरे साथी होंगे
जब थक जाऊँ चलते चलते
बतियाने को तुम संग संग होंगे
यहीं कामनाएँ है मेरी
वादा निभाने की है अब तुम्हारी बारी
नववर्ष की सब को शुभ कामनाएँ प्यार भरी।रविंद्र "रवि" कोष्टी
(मेरी रचना)
1 comment:
बहुत अच्छी प्रस्तुति
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
Post a Comment