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November 19, 2017

दिल से

लाख नकाबों से छीपा लो खुद को
हम तो दिल की निगाहाें से दिदार करते हैं
लाख जुबाँ को सी ले वो
हम दिल से उनकी आवाज सुन लेते हैं।।

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