धन कमाने की चाह ने उन्हें कुछ ऐसा जकड लिया
जिंदगी किस रफ्तार से गुजर गयी पता भी न चल पाया!
धन का नशा उन्हें कुछ इतना चढ गया
सामने यमराज आये तो उन्हें भी धन से नहला दिया!
धन कमाने की रफ्तार जिंदगी से तेज थी
बुढ़ापा कब आया पता भी न चल सका!
जिंदगी किस रफ्तार से गुजर गयी पता भी न चल पाया!
धन का नशा उन्हें कुछ इतना चढ गया
सामने यमराज आये तो उन्हें भी धन से नहला दिया!
धन कमाने की रफ्तार जिंदगी से तेज थी
बुढ़ापा कब आया पता भी न चल सका!
6 comments:
धन्यवाद सरजी!
चार पैसो के लिए शहर में निकल आये फिर वापिस घर चार कंधो पर ही आये
Thanks for the informative article, it was a good read and I hope its ok that I share this with some facebook friends. Thanks.
बढ़िया ....
बढ़िया ......
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