दोस्तो आज हम बहुत खुश है. कारण जानना चाहते हो? यादी हा तो जरा "कुछ पल" के दाने हाथ पे गौर फरमाईये! देखिये हमारे चाहनेवाले! आजी पुरे १९०! बस और १० की कमी है की हमारा दोहरा शतक पुरा हो जायेगा! दोस्तो मै शरमिंदा हुं क्योकि पिछले की समय से मै लिख नही पा रहा हुं. काम का बोझ इतना है की दिमाग में कोई कविता या और कुछ सुझता ही नही. भविष्य में जब भी वक्त होगा जरूर कोशिश की जायेगी. बस इसी तऱ्ह हौसला बुलंद करवाने की चाह है!
आपका अपना
रविंद्र 'रवी'
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shubhkamnaye
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