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February 28, 2010

होली की शुभकामनाये


आज इस होली के अवसर पर सभी दोस्तों को ( सॉरी दुश्मनों को भी) शुभकामनाये। मित्रो, होली ऐसा ही त्यौहार है की सभी दोस्त और दुश्मन एक होकर मनाते है। इसलिए दोस्तों बड़ी धूमधाम से होली मनाये।
आज इस होली पर मुझे अपना बचपन याद आ रहा है.

February 27, 2010

गणित का मेरा क्लास भाग-२

गणित का मेरा क्लास भाग-१ की सफलता के बाद मै आपके लिए यहाँ मेरा दूसरा क्लास पेश कर रहा हु.
आज की इस क्लास में मै आपको एक ऐसा सूत्र बताने जा रहा हु जिससे आपको ९ अंक से बनी हुई किसी भी संख्या का वर्ग निकलना बहुत ही आसान महसूस होगा और गणित जैसे भयानक विषय से डर भी नहीं लगेगा.

दोस्तों ९ अंक से बनी संख्या का वर्ग निकालने के लिए आपको निचे डी गयी सभी स्टेप्स करनी होगी।
१) पहले डी हुई संख्या में ९ यह अंक कितनी बार आया है यह देखिये।
२) अब आप ९ इस अंक का वर्ग कीजिये। यह बहुत ही आसान है। सब को मालूम है की ९ का वर्ग ८१ होता है।
३) आपको इस ८१ को एक कागज पर इस तरह लिखना है की ८ और १ के बिच थोडासा फासला हो। पहले आप पेन्सिल से ही लिखे क्योकि इनके बिच लिखी जाने वाली संख्या कितनी बड़ी है यह तो आपसे पूछे गए सवाल की संख्या पर निर्भर करता है।
४) अब आपको कागज पे लिखे हुए ८ अंक के बायीं तरफ ८+१ मतलब ९ अंक लिखना है। लेकिन आप पूछोगे की यह ९ कितनी बार लिखना है। तो आइये मै आपको बताता हु। आपको जीतनी बार ९ अंक आपको वर्ग निकालने के लिए दी गयी संख्या में आया है उससे १ कम बार ९ अंक ८ से पहले लिखना है।
यह कुछ इस तरह दिखेगा। ९९९८ १
५) अब आपको ८ और १ के बिच छोड़ी गयी जगह में १-१ मतलब ० उतनी ही बार लिखना है।
यह कुछ इस तरह दिखेगा। ९९९८०००१
६) जो संख्या आपको मिलेगी वह दी गयी संख्या का वर्ग होगी।

अब हम एक उदहारण ले कर चेक कर लेते है।
मान लीजिये आपको ९,९९९ यह संख्या दी गयी है और इसका वर्ग निकालने को कहा गया है।
ऊपर दी गयी स्टेप्स के हिसाब से ही आपको सवाल हल करना है इस बात का ध्यान रहे।
१) दी गयी संख्या में ९ यह अंक ४ बार आया है।
२) अब आपने ९ का वर्ग माने ८१ दोनों अंको के बिच फासला छोड़ के लिखना है।
३) चुकी दी हुई संख्या में ९ चार (४) बार आया है इसलिए आपको ८ से पहले ३ बार ९ लिखना है।
४) इसी तरह आपको १ से पहले और ८ के बाद ३ बार झिरो(०) लिखना है।
आपको जो संख्या मिली वह कुछ इस तरह होगी।
९९९८०००१
यही आपको दी गयी संख्या ९,९९९ का पूर्ण वर्ग है.

February 22, 2010

मेरी नयी दोस्त

दोस्तों आप मेरे इस ब्लॉग पर फोलोवर की लिस्ट में पाहिले नंबर पर एक तस्वीर देख रहे होंगे। वह एक पोर्तुगीज महिला है। उस अजनबी फोलोवर को देख मैंने वह कौन है यह जानने की कोशिश की और उनके ब्लॉग पर पहुच गया। उनका ब्लॉग संगीत और कला को समर्पित है। आज मेरे मीना कुमारी के ब्लॉग पर उस दोस्त की कोमेंट आई तो मै हैरान रह गया। उस दोस्त के दुनिया भर में १००० से ज्यादा दोस्त बन गए है। मैंने उसे बधाई दी और उसके ब्लॉग की लिंक मेरे ब्लॉगपर दे दी. आप भी उसके ब्लॉग को पढ़े। उसे हिंदी में भी पढ़ा जा सकता है। मै यहाँ उस ब्लॉग की लिंक दे रहा हु।
http://raquelcrusoe.blogspot.com/

February 13, 2010

गणित का मेरा क्लास भाग -१

दोस्तों,
आजकल बच्चो पर पढाई का बोझा बहुत ही बढ़ गया है। बच्चो का सबसे कठीण विषय होता है गणित। मै चाहता हु सभी बच्चो को गणित के कुछ परिपाठ दू जिससे उन्हें पढाई में सहूलियत हो। आप सभी अभी भावको से विनती है की अपने बच्चो को ये मेरा गणित का क्लास जरुर पढ़ने दे। यहाँ मैंने कुछ सरल सूत्र दिए है जो मौखिक कर सकते है. आपको बता दू की ये सूत्र मेरे अपने है। मैंने कोलेज के ज़माने में ही ऐसे सूत्र बना लिए थे। अभी भी बनाता हु.
तो आइये आज का पहिला पाठ हम सुरु करते है।
से तैयार हुई किसी भी संख्या का वर्ग मौखिक कैसे करे:-
मानलो हमें १११११ इस संख्या का वर्ग करने के लिए कहा गया है। हम चुटकी बजाते ही इस संख्या का वर्ग निकाल सकते है
हमें करना ये है की इस दी हुई संख्या में कितनी बार १ आता है वह देखना है। इस में पांच बार १ आया है। अब हमें १ से सुरु करते हुए २,३,४,५ ऐसे लिखना है। मतलब १२३४५ यह इसलिए की दी हुई संख्या में ५ बार १ आया है।
अब इसी तरह उल्टा लिखते जाना है। मतलब ५ से निचे ४, ३,२,१ तक।
हमें जो संख्या मिलेगी वह होगी १२३४५४३२१
यही हमें दी हुई संख्या १११११ का वर्ग है।
है ना सरल।
अब आप १ से तैयार हुई किसी भी संख्या का वर्ग कर सकते है

बेवफा

रवि,
नहीं रवि नहीं
मै तुम्हे नहीं भूल सकती
कैसे भूलू?
मेरे ख्वाबो में तुम हो
खयालो में तुम हो
फिजाओ में तुम हो
फिर कैसे भूलू मै तुम्हे
कैसे?
बताओ?
जब मै बाग में फूल को खिलते देखती हु
सहसा एक भोरा फूल पर आकर बैठ जाता है
मुझे लगता है
तुम मुझसे मिलने आये हो
तुम्हारे पंख है
तुम उड़ रहे हो.
तो ये मेरा ख्वाब ही है?
सहसा मेरी आखों से आंसू छलक जाते है
देखो रवि!
देखो,
इन आंसुओ को देखो,
एक एक बूंद में
प्यार है तुम्हारे लिए,
गम है तुम्हारे बिछुड़ने का उन्हें,
जी चाहता है
इन आंसुओ की माला बनाकर
तुम्हारे गले में डालकर
तुम्हे वर लूँ मै.
अरे! इसकी भी क्या जरुरत है,
मैंने तो तुम्हे
मेरा सब कुछ मान ही लिया है
रवि!
अब मै जी नहीं सकती
मै आत्महत्या करुँगी
जरुर करुँगी आत्महत्या,
मुझे कोई नहीं रोकेगा
मेरा रहा ही क्या है इस दुनिया में
रवि!
तुम्हारा दिल पत्थर का कैसे हो गया?
कहा है तुम्हारे वाडे?
कहा है वो कसमे?
मुकर गए ना अपनी कसमो से,
मुझे मालूम था,
लेकिन नालायक दिल मन ही नहीं,
ठीक है रवि,
एक बार
अंतिम बार,
गले तो लगा लो मुझे
इस दिल की धडकनों को
मिला लो अपने दिल में,
बढ़ जाएगी तुम्हारी उम्र
मेरी उम्र भी तुम्हे लग जाएगी,
ले लो रवि,
ले लो इनको
ले लो इन धडकनों को
मुझे अब जीना नहीं है,
ठहरो,
कहा जा रहे हो?
अभी बाते ख़त्म नहीं हुई है,
आज अंतिम बार तो बोलने दो मुझे
डर रहे हो मुझसे
अपनी सब कुछ होते हुए भी,
मुझे पाव तो छु लेने दो
अंतिम बार
बस एक बार
आशीर्वाद दे दो मुझे
शांति तो मिलेगी इस आत्मा को,
तद्पेगी तो नहीं.
अच्छा रवि,
अब मै जाती हु
तुम भी जाओ
रवि,
मै चलती हु
जाओ जाओ
बेवफा जाओ!
रवि।
(दोस्तों यह कविता मैंने //१९८० को लिखी थी जब मै इंजिनीअरिंग में पढ़ता थाइसमे कोई सचाई नहीं सिर्फएक विरह की कविता हैकोई चाहिए इसलिए अपना ही नाम लिख दिया थायह एक काल्पनिक कविता है बस!)

February 2, 2010

ये मेरा वादा रहा

खुशियों के बादलो पर सवार होकर आकाश में विचरण करता मै
चारो तरफ झिलमिलाते तारो को देख
ऐसा लगता है जैसे दिवाली हो हररोज
ऐसी खुशियों भरी जिंदगी जी रहा था मै
और
एक दिन तुम मेरी जिंदगी में क्या आई
मेरी जिंदगी में बहार छा गयी
चारो तरफ खुशबू फैल गयी
लम्हे लम्हे मेरी जिंदगी के खुशियों से सराबोर हो गए
खुशोयो से लदा मै
तुम्हारे प्यार में पागल हो गया
मै तुम्हारा दीवाना हो गया
मुझसे वादा करो
तुम मुझे कभी छोड़ नहीं जाओगी
ये वादा करो मुझसे
मुझे कसम है इस प्यार की
मै तुम्हे छोड़
कही नहीं जायूँगा