मुखौटें बहुत मिलते है
इस शहर की गलियों में,
बस चेहरों की तलाश जारी है।
--रविंद्र "रवी "
Digital Hindi Blogs
November 22, 2018
November 20, 2018
जींदगी का सच....
जो चाहिए
वो मीलता नहीं।
जो मीलता है
वो टिकता नहीं।
जो टिकता है
वो पसंद नहीं
जो पसंद हो
वो मीलता नहीं
जो मीलता है
वो चाहता नहीं।
जो चाहता हुँ
वो खो जाता है
और जो खो जाता है एक बार
दोबारा नहीं मीलता।
November 2, 2018
प्रार्थना.......
हम जहाँ प्रार्थना करते है
केवल वहीं ईश्वर नही होता..
ईश्वर वहाँ भी होता है
जहाँ हम गुनाह करते है.!
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