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September 28, 2017

जिंदगी की रफ़्तार

रस्तो पे बाईक या कार चलाने वाले भाई यो से गुजरीस है की अपनी गाडी की रफ्तार अपने कबु में खे। इसी सिलसिले में एक कवीता पेश कर राहा हुं. जरा गौर फरमायेगा
" वाहन क्या है?
जिंदगी को एक जगह से
दूसरी जगह ले जाने भर का एक साधन ही तो है
लेकिन
इसकी रफ्तार यदि पकड़ से बहार चली जाये
तो
जिंदगी को इस दुनिया से
उस दुनिया में ले जाने का एक साधन बन जाती है."



इसलिए दोस्तों गाड़ी इतनी गति से चलाये की वह अपनी पकड़ में हो
चाहे जब उसे रोक सके
वरन

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