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October 12, 2019

ऐ सांसों

ऐ सांसों जरा आहिस्ता चलों
अब बुढापा आ गया है इस आंगन में।१।
धडकनों तुम भी थोडा सुस्ताना सिखों सफेदी से उजियारा छा गया है इस आंगन मे।२।

रविंद्र "रवि" कोष्टी

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