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October 29, 2019

ज़रा अदब से......

ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को....

इन्होंने कल रात सबको रोशनी दी थी.....

किसी को जला कर खुश होना अलग बात है,

इन्होंने खुद को जला कर रोशनी की थी.....
( व्हाट्सएपसे प्राप्त कविता. अच्छी लगी सो शेअर की।)

October 28, 2019

जिंदगी...

बाहर रिश्तों का "मेला" है..भीतर हर शख्स "अकेला" है..
यही जिंदगी का "झमेला" है..!!

                  🙏स्नेह वंदन🙏
                   🌹सुप्रभात🌹

बचपन की दिवाली

बचपन की दिवाली पर गुलजार साहब की लिखी यह पुरानी कविता है।।

अब चूने में नील मिलाकर
पुताई का जमाना नहीं रहा। चवन्नी, अठन्नी का जमाना
भी नहीं रहा।
फिर भी यह कविता आप सब के लिए पेश है--

हफ्तों पहले से साफ़-सफाई में जुट जाते हैं,
चूने के कनिस्तर में थोड़ी नील मिलाते हैं,
अलमारी खिसका खोयी चीज़ वापस पाते हैं,
दोछत्ती का कबाड़ बेच कुछ पैसे कमाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

दौड़-भाग के घर का हर सामान लाते हैं,
चवन्नी-अठन्नी पटाखों के लिए बचाते हैं,
सजी बाज़ार की रौनक देखने जाते हैं,
सिर्फ दाम पूछने के लिए चीजों को उठाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

बिजली की झालर छत से लटकाते हैं,
कुछ में मास्टर बल्ब भी लगाते हैं,
टेस्टर लिए पूरे इलेक्ट्रीशियन बन जाते हैं,
दो-चार बिजली के झटके भी खाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

दूर थोक की दुकान से पटाखे लाते है,
मुर्गा ब्रांड हर पैकेट में खोजते जाते है,
दो दिन तक उन्हें छत की धूप में सुखाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...

धनतेरस के दिन कटोरदान लाते है,
छत के जंगले से कंडील लटकाते हैं,
मिठाई के ऊपर लगे काजू-बादाम खाते हैं,
प्रसाद की थाली पड़ोस में देने जाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं
बूढ़े माँ-बाप का एकाकीपन मिटाते हैं,
वहीं पुरानी रौनक फिर से लाते हैं,
सामान से नहीं, समय देकर सम्मान जताते हैं,
उनके पुराने सुने किस्से फिर से सुनते जाते हैं,
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ...🙏

October 27, 2019

दिपावली की शुभकामनाएँ

एक दिया ऐसा भी हो , जो
आपके भीतर तक प्रकाश करे ,

एक दिया मृतप्राय जीवन में ,
फिर आकर कुछ श्वास भरे |

एक दिया सादा हो इतना ,
जैसे साधु संत का जीवन ,

एक दिया इतना सुन्दर हो ,
जैसे देवों का उपवन |

एक दिया जो भेद मिटाए ,
क्या तेरा क्या मेरा है ,

एक दिया जो याद दिलाये ,
हर रात के बाद सवेरा है |

एक दिया उनकी खातिर हो ,
जिनके घर में नहीं है दिया ,

एक दिया उन बेचारों का ,
जिनको घर ही दिया नहीं |

एक दिया सीमा के रक्षक ,
अपने वीर जवानों का ,

एक दिया मानवता-रक्षक ,
चंद बचे इंसानों का |

एक दिया विश्वास दे उनको ,
जिनकी हिम्मत टूट गयी ,

एक दिया उस राह में भी हो ,
जो कल पीछे छूट गयी |

एक दिया जो अंधकार का ,
जड़ के साथ विनाश करे ,

एक दिया ऐसा भी हो , जो
भीतर तक प्रकाश करे ||
एक दिया ऐसा भी हो जो
हर सांसारिक अन्धकार दुर करें।

आप सभी को और आपके परिवार के सभी सदस्यों को दीपावली की ढेरों बधाई एवं  शुभकामनाएं💐👏🏻
आप सभी खुश रहें, स्वस्थ रहें और समृद्ध बने।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

October 26, 2019

दीपावली महोत्सव

🙏 🙏 🙏🙏🙏दीपावली महोत्सव के लिये सभी वरिष्ठजनों को विनम्र अभिवादन, हम उम्र सुजनों एवं सहयोगियों को शुभेच्छा एवं सभी सुहृदों के लिये शुभ आशीष.🙏🙏🙏

आप सभी अपने परिवार सहित खुश रहें, स्वस्थ रहें और समृद्ध रहे ।

*******🍀☘🌹☘🍀********

October 22, 2019

अच्छा वक़्त ...

अच्छा वक़्त सिर्फ उसीका  होता है,​.
जो कभी किसी का बुरा नहीं सोचते !!​
सुख दुख तो अतिथि है,​.
बारी बारी से आयेंगे चले जायेंगे..​
यदि वो नहीं आयेंगे तो हम​
       अनुभव कहां से लायेंगे।​
    
                🌹शुभप्रभात🌹

October 20, 2019

रिश्ते🌼

एक लाज़वाब बात जो एक पेड़ ने कही...

🌼हर रोज़ गिरते हैं "पत्ते मेरे"🌼

🌼फिर भी हवाओं से बदलते नहीं रिश्ते मेरे...🌼

🌼🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏🌼

October 19, 2019

मन की शांति

दुनिया में सबसे
अनमोल मन की शांति है
जो ना बिकती है
न खरीदी जा सकती है
मन अशांत हो तो
महंगी से महंगी चीज
से भी शांत नहीं होता⭐

🌸🌸🌸सुप्रभात🌸🌸🌸

October 16, 2019

शुभ प्रभातम्

"दूरियों" का ग़म नहीं अगर......
         "फ़ासले" दिल में न हो,

"नजदीकियाँ"बेकार हैं......
     अगर जगह दिल में ना हो..!!

🌷🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🌷

October 15, 2019

वक्त" और "दौलत"

☘🌹॥सुप्रभात्-पुष्प॥🌹☘

🕉"वक्त" और "दौलत"
  के बीच का सबसे बड़ा अंतर...
              
आपको हर "वक्त" पता होता है
आपके पास कितनी "दौलत" है,

लेकिन आप कितनी भी "दौलत"
खर्च करके यह नही जान सकते  
आपके पास कितना ‘‘वक्त"है !!

जिंदगी.....

दोस्त , किताब , रास्ता , और सोच!
ये चारों  जीवन में सही मिलें तो,
ज़िंदगी "निख़र".... जाती है .
वरना "बिख़र" ज़ाती है ...

  🌹🌹शुभ प्रभात🌹🌹

October 14, 2019

खुशी.....🙂


(व्हाट्सएप पर प्राप्त एक कविता. अच्छी लगी सोचा शेअर कर दु।)

बहुत दिन बाद
पकड़ में आई...
थोड़ी सी खुशी...
तो पूछा ?

कहाँ रहती हो आजकल.... ?
ज्यादा मिलती नहीं..?

"यही तो हूँ"
जवाब मिला।

बहुत भाव
खाती हो खुशी ?..
कुछ सीखो
अपनी बहन से...
हर दूसरे दिन आती है
हमसे मिलने..  "परेशानी"।

आती तो मैं भी हूं...
पर आप ध्यान नही देते।

"अच्छा"...?

शिकायत होंठो पे थी कि.....
उसने टोक दिया बीच में.

मैं रहती हूँ..…
कभी आपकी बच्चे की
किलकारियो में,

कभी
रास्ते मे मिल जाती हूँ ..
एक दोस्त के रूप में,

कभी ...
एक अच्छी फिल्म
देखने में,

कभी...
गुम कर मिली हुई
किसी चीज़ में,

कभी...
घरवालों की परवाह में,

कभी ...
मानसून की
पहली बारिश में,

कभी...
कोई गाना सुनने में,

दरअसल...
थोड़ा थोड़ा
बाँट देती हूँ,
खुद को
छोटे छोटे पलों में....
उनके अहसासों में।
     
लगता है
चश्मे का नंबर
बढ़ गया है आपका...!
सिर्फ बड़ी चीज़ो में ही
ढूंढते हो मुझे.....!!!

खैर...
अब तो पता मालूम
हो गया ना मेरा...?
ढूंढ लेना मुझे
आसानी से अब
छोटी छोटी बातों में..."🙂

शब्द...

जब मन खराब हो
तब बुरे शब्द ना बोलें,
क्योंकि.
खराब मन को
बदलने के मौके बहुत मिल जायेंगे
लेकिन शब्दों को बदलने के मौके फिर नहीं मिलेंगे

       💐सुप्रभात 💐

🙏जय गणेश जय जय गणेश🙏

October 13, 2019

मन की शांती...

दुनिया में सबसे अनमोल
मन की शांति है
जो ना बिकती है
न खरीदी जा सकती है
मन अशांत हो तो
महंगी से महंगी चीज से
भी शांत नहीं होता

🌸🌸🌸सुप्रभात🌸🌸🌸

जिंदगी का सफर..

अपने हौसलों को ये
खबर करते रहो...

ज़िंदगी मंज़िल नहीं,
सफर है, करते रहो....!!!!

       👍सुप्रभात 👍

शब्द और मुस्कराहट

अगर किसी परिस्थिति के लिए
हमारे पास सही शब्द नहीं हैं,
तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये..
          "शब्द "
उलझा सकते हैं पर
      "मुस्कराहट "
हमेशा काम कर जाती है

    ##शुभप्रभात##

October 12, 2019

ऐ सांसों

ऐ सांसों जरा आहिस्ता चलों
अब बुढापा आ गया है इस आंगन में।१।
धडकनों तुम भी थोडा सुस्ताना सिखों सफेदी से उजियारा छा गया है इस आंगन मे।२।

रविंद्र "रवि" कोष्टी

October 6, 2019

ऐ जिंदगी चल ऊठ.....

तू न थक ऐ जिंदगी,
अभी बहुत दूर तलक जाना है हमें,
तू ही तो है अकेली मेरी हमसफर
चल ऊठ ऐ जिंदगी
इतनी जल्दी थकना नही है हमें।।
तू भी थक जाएगी मेरे जैसी
तो मेरा हौसला अफजाई
कौन करेगा??
मुझे सहारा दे
इस ढलती उम्र मे
कौन है जो ले चलेगा
मेरी उंगली थाम
मुझे उस मंजिल तक
जहाँ तलक होता है
सबका सफर
ऐ जिंदगी
उसके बाद तो तूम भी
बेवफाई करने से नही
कतराओगी
अपना मुँह फेर
आँखे चुरा
मुझे अकेला छोड
चल दोगी
जैसा सब के साथ करती हो
ऐ जिंदगी!!!!

रविंद्र "रवि" कोष्टी