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November 22, 2020

बिन माँगे मिल जाए....

*कुछ चीजे नजदीक जाने पर बगैर मांगे मिल जाती है जैसे* 
*बर्फ* के पास *शीतलता,*
*अग्नि* के पास *गरमाहट* और
*गुलाब* के पास *सुगंध*

*फिर भगवान् से मांगने की बजाये निकटता बनाइये सब कुछ अपने आप मिलना शुरू हो जायेगा।#*
        
          🌹 *सुप्रभात*🌹
   🌹🌹 जीवन उत्कर्ष🌹🌹

November 21, 2020

आज का सुविचार

आज का सुविचार
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गलतियां, विफलता, अपमान, निराशा और अस्वीकृति ये सभी उन्नति और विकास का ही एक हिस्सा है

कोई भी व्यक्ति इन पांचों चीजो का सामना किये बिना जीवन में कुछ भी  प्राप्त नहीं कर सकता

             🌹 सुप्रभातम 🌹

October 19, 2020

शानदार जीवन....

*🌹आज का विचार 🌹*
×××××××××××××××××× 
*जीवन को इतना शानदार बनाइए कि, आपको याद करके किसी निराश व्यक्ति की आखों में भी चमक आ जाए..!* 
           *जब तक साँस है,* 
           *"टकराव" मिलता रहेगा।*
           *जब तक रिश्ते हैं,* 
           *"घाव" मिलता रहेगा।*
           *पीठ पीछे जो बोलते हैं,*
           *उन्हें पीछे ही रहने दे।*
*अगर हमारे कर्म, भावना और रास्ता सही है तो, गैरों से भी " लगाव " मिलता रहेगा..!!*

            *🙏शुभ प्रभात 🙏*

September 23, 2020

कर्म

जिंदगी का एहसास

September 11, 2020

अदृश्य मदद

(दोस्तों, व्हाट्सएप की शाला में एक भावना प्रधान संदेश प्राप्त हुआ. मन को इतना भा गया की अपने आपको रोक न पाया। जरूर पढे)
मैं पैदल घर आ रहा था । रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था । पास जाकर देखा, लिखा था:   

कृपया पढ़ें

"इस रास्ते पर मैंने कल एक 50 का नोट गंवा दिया है । मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।" ...

यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई । पता याद रखा । यह उस गली के आखिरी में एक घऱ था । वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई । मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है । उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।

"माँ जी", मैंने कहा - "आपका खोया हुआ 50 मुझे मिला है उसे देने आया हूँ ।"

यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।

"बेटा, अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 दे चुके हैं । मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, । ठीक से दिखाई नहीं देता । पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।"

बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए । पर एक विनती की - ' बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा । जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।'मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी "माँ" ने यही कहा होगा । किसी ने भी नहीं फाड़ा ।जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है, ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा..!! मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया । जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा । सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई । और मैंने भी उस कागज को फाड़ा नहीं ।मदद के तरीके कई हैं सिर्फ कर्म करने की तीव्र इच्छा मन मॆ होनी चाहिए
🌿
                 *कुछ नेकियाँ*
                    *और*

                *कुछ अच्छाइयां..*

  *अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए,* 

          *जिनका ईश्वर के सिवाय..* 

          *कोई और गवाह ना हो...!!*🙏🌹🙏

Good Evening ❤️

September 9, 2020

इज़हार.....

तुम आती हो,
साथ खुशियों की हजारोंं
लहरें लेकर,
हर लहर के संग 
उडने को मन करता हैं।
खुशियों के गुब्बारे 
आसमाँ में उडने लगते हैं,
बस 
इज़हार करने से डर लगता है।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

September 8, 2020

होमाफिस

दोस्तों इन दिनों हम जिंदगी के कुछ अजिब दौर से गुजर रहे है। ऐसा लगता है जैसे एक गहरी सुरंग से यह जिंदगी गुजर रही है। मार्च २०२० से कोरोना ने सारी  दुनिया में कहर कर रखा है. सारी  दुनिया ही इससे परेशान है. कोई इलाज नही, कोई भी दवाई नहीं ऐसी इस  अजीब बीमारी ने इस दुनिया को त्रस्त  कर के रखा है. पुर ५ महीने हो गए है. आगे भी कब तक यह बीमारी चलने वाली है कोई नहीं बोल सकता.
लेकिन एक बात ध्यान देने लायक है. इसमें आय.टी क्षेत्र के ही  ऐसे लोग है जिनको लोक डाउन और इस बीमारी का कोई खास असर नहीं पड़ा है. क्यों की सॉफ्टवेयर पर कही भी बैठकर काम किया जा सकता है. आपके पास बस एक लेपटॉप और इंटरनेट चाहिए। सफर में भी आप काम कर सकते है. इतना ही नहीं दुनिया के किसी भी कोने में आप हो तो भी आप काम कर सकते है. यही इस नौकरी की खाशियत है. इसलिए जब से लॉक डाउन हुआ है आय टी वाले घर बैठकर ही काम कर रहे है. घर जैसे ऑफिस हो गया हो. इसलिए मैंने घर को घर नहीं अब होमाफिश कहना बेहतर समझा है.
एक बात लेकिन खटकती है. घर में ऑफिस जैसी शांति का माहौल बनाना पड़ता है. क्योकि उन लोगो की ऑनलाइन मीटिंग होती रहती है. इसलिए घर में कोई आवाज नहीं कर सकता. ना गाना गाना . ना गुनगुनानाना. बस मुँह पर हाथ रख के चुपचाप बैठे रहना. टी व्ही नहीं, ना समाचार देखो ना सीरियल. इंसान करे तो क्या करे भाई? पागल ही होगा और क्या? कौन बोला भाई? अरे ये तो मेरा अपना दिल ही बोल रहा है.  इस मोबाईल बनानेवाले का तहेदिल से शु क्रिया अदा  करना चाहिए. अच्छा हुआ उसने यह अविष्कार दुनिया को दिया. काम से काम हम बूढ़े लोगो के काम तो आया. किताबे बहुत है घर में. लेकिन जब से स्मार्ट मोबाईल आया है तब से कोई भी किताब पढ़ना पसंद नहीं करता. अजी हाथ भी नहीं लगता कोई. चलो छोड़ो.
बच्चे जो आय टी में है एक कमरा अड़का के बैठ जाते है पूरा दिन. उस कमरे में दूसरे सभी को प्रवेश बंद रहता है . सिर्फ माँ को परमिशन रहती है. माँ चाय देना, माँ पानी देना, माँ खाना देना, फिर दोपहर की चाय फिर रात का खाना. और दिनभर बेचारे काम करा के थक जाते है इसलिए माँ रात में कोई काम नहीं बताती. बाप बेचारा पुरादिन काम करता रहता है. इस बुढ़ापे में लेकिन थकता नहीं. अजी थकता हो तो भी कौन सुननने वाला बाकि है इस दुनिया में..  एक माँ ही होती. जिसे अपना  दुखडा सूना पाते थे. वो भी चली गयी. अब बस अकेले ही बतियाते रहो. कोई सुनाने वाला बचा ही नहीं. घरवाली तो सुनाने से रही. बतियाने के लिए मुँह खोला नहीं की चल देती है. वो शब्द मुँह में ही अटक के रह जाते है. बेचारे. पैदा होने से पहले की मर जाते है.
अच्छा इस कोरोना से पहले किसी बहाने बाहर घूमने या कहे कुछ खरीदने निकल पड़ते थे. पर इस लोक डाउन ने नहीं नहीं इस कोरोना ने वो रास्ता भी बंद कर दिया है. और उसे देखो तो. वो खुले आम दुनिया में घूम रहा है. कोई रोकटोक नहीं. किस की हिम्मत है जो उस बन्दे को रोक सके. अजी उससे फासला जो बनाना होता है. यदि कोई नजदीक आ भी जाये तो वही कह देता है की "कॄपया सामाजिक दुरी बना के रखिये. सरकारी नियमो का पालन करिये." बेचारे सभी दूर भाग जाते है.
इस लॉक डाउन सब से बुरा असर किसी पर पड़ा है ऐसा बोले तो वो बूढ़ो  पर पड़ा है. क्यों की घर में २४ घंटे रहो तो घर वालो को बोझ लगते है. बहार निकालो तो कोरोना दबोचने के लिए तत्पर रहता है. बेचारे बूढ़े लोग जाए तो कहाँ  जाए.

August 29, 2020

दिल की गहराई

कौन कहता है गहराई सिर्फ समुंदर की होती है,
जरा दिल की गहराई में झाँक कर देखिए जनाब कई समुंदर समाए हुए मिलेंगे।।
मेरी रचना

August 3, 2020

हिंदी हमारी भाषा

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा बडी गहन है। भावनाओं से ओतप्रोत। आपके मन मे जिस तरह के भाव चल रहे होते है बस उसी मिजास से शब्द आपके मुख से बाहर आते है। जैसे की आप बहुत घुस्से मे है तो आप अपने लाडले को बेटा कह कर नहीं बुलाओगे। उस समय वो भद्दा लगेगा। नहीं नहीं, भाई बेटा शब्द आपके मुख से निकलेगा ही नहीं। आप कहोगे ऐ छोकरे।
वैसे ही बेटे को पिताजी ने पैर मारा ऐसा कही कहा जाता है भला? उस समय लात मारी यही कहना उचित होता है और शोभा भी देता है।(पिताजी ने लात मारना यह पुराने जमाने की बात हो गयी अब।)

जब आप प्यार दुलार से बात करते हो तब आपके मुँह से बेटा जरा यहाँ आओ। ऐसे शब्द बाहर आयेंगे। उस समय ऐ छोकरे इधर आ ऐसा बिल्कुल भी नही कहोगे। 

वैसे ही पत्नी जब पती को लाड प्यार से आवाज देती है तो अजी जरा सुनो तो ऐसे कहेगी। लेकिन जब गुस्से मे हो तब .......

July 26, 2020

आर्ट ऑफ लाईफ

🌹🥀🌹🥀🌹🥀🌹🥀🌹🥀🌹🥀
*प्रेम और आँसू की पहचान भले ही अलग अलग हो किन्तु दोनों का गोत्र एक ही है हृदय*
*उम्र का बढ़ना तो दस्तूरे-जहाँ है महसूस न करो तो बढ़ती कहां है उम्र को अगर हराना है तो शौक जिन्दा रखिए*
*घुटने चले या न चले मन उड़ता परिंदा रखिए मुश्किलों का आना 'Part of life' है और उनमें से हँस कर बाहर आना 'Art of life' है*
*🌹🥀🌹🥀🌹शुभ प्रभात 🌹🥀🌹🥀🌹*

July 11, 2020

सुंदरता...

(व्हाट्सएप पर एक बहुत ही सुंदर संदेश प्राप्त हुआ. आपके लिए शेअर कर रहा हुँ।
🌳🌴🗒️✒️ 
👌 *सुंदरता*🤝

एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान एक 30 वर्षीय युवक को खडा कर पूछा कि आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है तो आप क्या करोगे ?

युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।

गुरु जी ने पूछा - वह लडकी आगे बढ गयी तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे ?

लडके ने कहा - हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो। (सभा में सभी हँस पडे)

गुरु जी ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ?

युवक ने कहा 5 - 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।

गुरु जी ने उस युवक से कहा - अब जरा सोचिए, आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना।

आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए। उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो बडे अरबपति हैं। घर के बाहर 10 गाडियाँ और 5 चौकीदार खडे हैं। आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठकर गरम खाना खिलाया। जाते समय आप से पूछा - किसमें आए हो ? आपने कहा- लोकल ट्रेन में। उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया - भैया, आप आराम से पहुँच गए।

अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?

युवक ने कहा - गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।

गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा
"यह है जीवन की हकीकत।"

*"सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है, पर हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।"*

बस यही है जीवन का गुरु मंत्र:

*अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज़्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दे, जीवन आनंददायक बन जाएगा।*🙏🌹🤝🇮🇳

July 7, 2020

खुबसुरती...

इज़हारे खुबसुरती उन्हे मंजूर नहीं
हम तो बस दिल के हालात बयाँ करते है।।

मेरी शायरी
रविंद्र "रवी" कोष्टी

July 2, 2020

नज़रिया

June 28, 2020

Stay home....

जिन्दगी खूबसूरत हैं
इसे बचाए ...

फिलहाल दुरियों से ही
इसे सजाए ...

Stay Home_Stay Safe

June 21, 2020

अपने अंदर झांकें कौन?

दोस्तों, व्हाट्सएप एक मायाजाल है। हरपल कुछ नया उभर कर आता है। कुछ नया ज्ञान दे जाता है। 
अभी हाल ही में एक बहुत सुंदर कविता प्राप्त हुई थी। कवी अज्ञात है। कोई नहीं जानता कौन है। लेकिन कविता सच्चाई बयाँ करती है। 
🙏👉
      झाँक रहे है इधर उधर सब।
              अपने अंदर झांकें  कौन ?
        ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ  में कमियां ।
             अपने मन में ताके कौन ?
       दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते ।
            खुद को आज सुधारे कौन ?
       पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।
            खुद पर आज विचारे कौन ?
       हम सुधरें तो जग सुधरेगा
         यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"
    
      शुभदिन

।। आपका दिन मंगलमय हो।।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏

June 14, 2020

हासिल

पल

June 12, 2020

शब्द...

June 3, 2020

कर्म...

*करम की गठरी लाद के,*
              *जग में फिरे इंसान,!!*
*जैसा करे वैसा भरे,*
              *विधि का यही विधान,!!*
*करम करे क़िस्मत बने,*
               *जीवन का ये मर्म,!!*
*प्राणी तेरे भाग्य में,*
                *तेरा अपना कर्म!!*                                              
 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

May 30, 2020

जीने का सलिक़ा

May 26, 2020

सदियाँ

May 23, 2020

अनुभव

May 15, 2020

कुटुंब दिवस

May 13, 2020

जिंदगी

May 12, 2020

सलिक़ा

May 9, 2020

हसते रहीये जी...😊

✍🙏🏻
सुख और दुख हमारे
     परिवार के सदस्य नहीं है
"मेहमान" हैं!

     आएंगे, कुछ दिन ठहरेंगे
और चले जायेंगे,

😊हसते रहीये मस्त रहिए😊

   🍀🍃शुभ प्रभात🍃🍀

April 20, 2020

व्यक्तित्व

🙏🙏🙏

*"व्यक्तित्व" की भी*
*अपनी वाणी होती है,*
*जो "कलम"' या "जीभ"* 
*के इस्तेमाल के बिना भी,* 
*लोगों के "अंर्तमन" को छू जाती है..!!!*

      *सुप्रभात* 💐🌹

April 18, 2020

प्रभुकृपा

*प्रभुकृपा का अर्थ यह नहीं कि जीवन में कभी दुःख ही न आए।*

*दुःख में भी आप दुखी न हों वो घड़ी कब बीत जाए आप को पता ही न चले यही है  "प्रभुकृपा"।।*

*🌹।।good morning।।🌹*

April 2, 2020

बेबस इंसान

*इंसान दो मामलों में बेबस है;*
*"दुख" बेच नहीं सकता;...!!*
*"सुख"खरीद नहीं सकता;...!!*
         
*मुसीबतें रुई से भरे थैले की तरह होती हैं;*

*देखते रहेंगे तो बहुत भारी दिखेगी;*
*और उठा लेंगे तो!!* 
*एकदम हल्की हो जायेंगी..!!*

 *खुश रहिये मुस्कराते रहिए*

*🙏💐सुप्रभात💐🙏*

March 27, 2020

कोरोना का कहर...

दोस्तों, इस कोरोना ने सारी दुनिया को घर में बंद होने को मजबूर कर दिया है। आज सारी दुनिया ही अपने ही घर में कैद हो गयी है। किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक खुली आँखों को न दिखाई देनेवाला वो भी निर्जीव कण सारी दुनिया को इस तरह तकलिफ मे ला सकता है। इस तरह की आपदा से निपटने के लिए कोई भी देश तैयारी में नहीं था। 

इंटरनेट से गुगल पर एक बहुत ही अच्छी इमेज मिली है। जिसमें धरती को मास्क पहनाया गया है। उसे भी शेअर कर रहा हुँ।

March 16, 2020

भाग्यशाली...

भाग्यशाली वह नहीं होते जिन्हें सब कुछ अच्छा मिलता है,
बल्कि वह होते हैं जिन्हें जो मिलता है
उसे वे अच्छा बना लेते हैं!                      

           *Good morning*
         🙏 *सुप्रभात* 🙏

March 14, 2020

चिंता और चिंतन

चिंता उलझाती है और
चिंतन सुलझाता है...

चिंता करोगे तो उलझ जाओगे
पर चिंतन करोगे तो
उलझे हुओं को भी समाधान
का रास्ता दिखा दोगे...!!
      शुभ प्रभात

March 9, 2020

होली शुभकामनाएँ

आप सभी को होली की शुभकामनाएँ

March 4, 2020

मीठे बोल...

“क्रोध” में बोला हुआ केवल एक “कठोर शब्द” इतना “जहरीला” बन सकता कि आपकी हजार प्यारी बातों को एक मिनट में नष्ट कर सकता है । इसलिए…,
कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो ।।
       🙏 सुप्रभात 🙏

March 1, 2020

प्रात: स्नेह वंदन्

प्रात: स्नेह वंदन्
-------------------------

प्रयत्न करने से कभी न चूकें..!
हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं,
विरोधी नहीं तो प्रगति नहीं..!!

जो पानी में भीगेगा
वो सिर्फ लिबास बदल सकता है

लेकिन जो पसीने में भीगता है वो
इतिहास बदल सकता है.
    😊🙏🙏😊
(.व्हाट्सएप पर प्राप्त संदेश )

February 22, 2020

कोशिश...

कोशिशों का कद इतना बडा रखें
की तकदिर को भी अपना सर नीचा रखना पडे।
💐💐गुड मॉर्निंग💐💐

February 20, 2020

खुशियाँ

खुशियाँ तो बहुत आती है जिंदगी में
मगर 
हर खुशी तुम्हारा फता पुंछती है।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

February 18, 2020

वाह री जिंदगी..

बचपन में
कुछ भी नही था साथ
था तो बस हौसला,
डटे रहे
जिंदगी जिते रहे।
आज बुढापे में 
सब कुछ है
लेकिन 
जिने के लिए 
हौसला नहीं हैं।
हौसला अफ़ज़ाई करनेवाले 
तब भी नदारद थे
आज भी नदारद हैं।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

February 17, 2020

सलीक़ा...।

जिंदगी के हर लम्हें में 
खुशीयाँ छुपी होती है,
बस उन्हे जिने का
सलीक़ा चाहिए।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

February 10, 2020

खुबसूरत जिंदगी

जिंदगी तुम कितनी खुबसूरत हो,
ये तो हम है जिनकी नज़र मे़ खोट है।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

February 9, 2020

दोस्त....

दोस्त वों फुल होते है 
जिंदगी के पेड पर
जो कभी मुरझाते नहीं
हर वक्त जिंदगी में
खुशियाँ बाँटते हैं।

रविंद्र "रवी" कोष्टी

February 7, 2020

जीवन का अर्थ...

सभी शब्दों का अर्थ मिल
       सकता है
                 परन्तु
जीवन का अर्थ
          जीवन जी कर
                   और
संबंध का अर्थ
संबंध निभाकर ही मिल
    सकता है ।
          

          🌹 शुभसंध्या🌹

February 3, 2020

सच्ची सोच...

जिस मनुष्य के हृदय में सच्ची मानवता हो उसकी सोच हमेशा यही होगी कि,

मुझे मिला हुआ दुःख किसी को  न मिले और
मुझे मिला हुआ सुख सबको मिले
      🙏🏻 🙏🏻सुप्रभात🌹🌹
🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿🐿

February 1, 2020

रोशनी..

अगर आप किसी को
रोशनी दिखाने के लिए
दीपक जलाएंगे.
तो उजाला आपके
सामने भी होगा
  ‼ आपका दिन शुभ हो‼
           🙏 सुप्रभात 🙏

January 30, 2020

रिश्तें...।

रिश्ते निभाने के लिए बुद्धि नहीं,
दिल की शुद्धि होनी चाहिये..!!
सत्य कहो, स्पष्ट कहो, सम्मुख कहो,
जो अपना हुआ तो समझेगा,
जो पराया हुआ तो छुटेगा.!!
      🙏🏻🌹 सुप्रभात🌹🙏🏻
    आपका दिन शुभ हो
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
रोज की तरह आज भी मैने सुबह सुबह संदेश फॉरवर्ड करना सुरु किया. इतने दोस्त और व्हाट्सएप ग्रुप है कि हर रोज तकरीबन आधा घंटा बित जाता है फॉरवर्ड करने में।ऐसे मे यह ध्यान ही नही रहता कि कब किसे संदेश फॉरवर्ड किया। काम खतम कर मै सुस्ता रहा था कि घरवाली आकर बडबडाने लगी। "आज का आपका संदेश बहुत ही सटिक है। जैसे व्यवहार करते हो उसे शोभा देता है।" 
मै सकपका गया,"अरे भागवान क्या हुआ? क्यो शोर मचा रही हो?" 
"रिश्ते निभाने के लिए बुद्धी नही..... वो तो आपके पास है नही! सही कहाँ न मैने!"
"जी बिलकुल सही कहा. वो क्या है कि हम परोपकारी लोग है. जब भगवान बुद्धी बाँट रहे थे तब मैने एक इंसान को लाईन के आखिर मे खडे देखा। थोडा पागल जैसा लग रहा था। मैने सोचा चलो इसकी सहायता कर दे। सो मैने मेरी जगह उसे दे दी और मै उसकी जगह चला गया। "
"तभी मै सोचू आप ऐसे क्यो है। " वो.
"लेकिन मैने अंदर की बात बताई ही नही।"मै.
" वो क्या?  " वो.
"मेरा नंबर आते आते बुद्धी खत्म होने को आयी थी। मुझे यह बात समझ आ गयी। इसलिए मैने यह परोपकार किया। " मै.
"अरे वा। आप तो बहुत समझदार थे।" वो.
"लेकिन तुमने वो कौन था ये नहीं पुछा।" मै
"जरूरत नही. लेकिन आप बता ही  दिजिए।" वो.
"अरे उसे मै तब थोडे ही पहचानता था। वो तो शादी के बाद पहचान हुई। तब पता चला वो तुम्हारा भाई था।" मै
"क्या????"वो
उनकी हालत देखने लायक थी।

January 29, 2020

भाग्यवान...


यात्रियों से भरी बस चली जा रहा थी, जब अचानक मौसम बदला और भारी बारिश चालू हो गयी और बिजली भी चारों तरफ चमकने लगी ।

सभी देख रहे थे कि बिजली कभी भी बस को चपेट में ले सकती है ।

रोशनी से बचने के 2 या 3 कठिन  प्रयास के बाद, चालक ने पेड़ से पचास फुट की दूरी पर बस बंद कर कहा -

"हमारे पास बस में कोई है जिसकी मृत्यु आज निश्चित है ।"

उस व्यक्ति की वजह से बाकी सब लोग आज भी मारे जाएंगे ।

अब ध्यान से सुनिये जो मैं कह रहा हूं ..
मैं चाहता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति बस से उतर एक एक कर बाहर जाकर पेड़ के तने को स्पर्श करे और वापस आ जाए ।

"जिसकी मौत निश्चित है वह बिजली से पकड़ा जाएगा और मर जाएगा और बाकी सभी को बचा लिया जाएगा ।"

उसने पहले व्यक्ति को जाने और पेड़ को छूने और वापस आने के लिये कहा ।

वह अनिच्छा से बस से उतर गया और पेड़ को छुआ ।

उसका दिल प्रसन्न हो गया जब कुछ भी नहीं हुआ और वह अभी भी जीवित था ।

यही क्रम बाकी यात्रियों के लिए जारी रहा और उन सभी को राहत मिली जब वे पेड़ को छु कर लौटे और कुछ भी नहीं हुआ ।

लेकिन जब आखिरी यात्री की बारी आई, तो सभी उसे आँखों से घूरने लगे ।

वह यात्री बहुत डर गया और अनिच्छुक था क्योंकि वही केवल  अकेला बचा था ।

सभी ने उसे नीचे उतरने और जाने और पेड़ को छूने के लिए मजबूर किया ।

मृत्यु के 100% भय के साथ, अंतिम यात्री पेड़ के पास गया और उसे छुआ ।

उसी समय वहाँ गड़गड़ाहट की एक बड़ी आवाज़ गूँजी और बिजली ने बस को चपेट में ले लिया - हां, बिजली के चपेट में आने से बस के अंदर सभी मारे गये ।

इस घटना से यह स्पष्ट हो गया   ( मानना पडेगा ) कि पूरी बस इस आखिरी यात्री की उपस्थिति के कारण सुरक्षित थी ।

कई बार, हम अपनी वर्तमान उपलब्धियों के लिए स्वयं श्रेय लेने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि यह हमारे साथ जूडे एक व्यक्ति के कारण है । शायद उस व्यक्ति की वजह से हम अपनी वर्तमान खुशी, सम्मान, प्रेम, नाम, प्रसिद्धि, वित्तीय सहायता, शक्ति, स्थिति................का आनंद ले रहे हैं ।

अपने चारों ओर देखिए - शायद आपके माता-पिता, आपके पति या पत्नी, आपके बच्चे, आपके भाई-बहन, आपके मित्र आदि के रूप में आपके आस-पास कोई है, जो आपको नुकसान से बचा रहे हैं ..!

इसके बारे में सोचिये .. और उस आत्मा को धन्यवाद दें...।
(व्हाट्सएप से प्राप्त संदेश)

January 22, 2020

सफल जीवन...

सफल जीवन के चार
           सुत्र•••
मेहनत करे तो धन बने,
 सबर करे तो काम•••••
मीठा बोले तो पहचान बने,
               और
इज्जत करे तो नाम•••
.          💐💐शुभ रात्री💐💐

January 19, 2020

सफलता...

हर प्रयत्न में सफलता
शायद न मिल पाए
          लेकिन
हर सफलता का कारण
प्रयत्न ही होता है !!

🌹सुमधुर प्रभात 🌹

January 17, 2020

हमारा बचपन....

किस महानुभव ने यह व्हाट्सएप पोस्ट लिखी है, यह तो पता नहीं. लेकिन यथार्थ परिपूर्ण है. तबके जीवन की सच्चाई से ओतप्रोत मन लुभावन यह पोस्ट हम उम्र साथियों को जरूर पसंद आयेगी। अपनी प्रतिक्रिया देना न भुलना।

पाँचवी तक घर से तख्ती लेकर स्कूल गए थे... 
स्लेट को जीभ से चाटकर अक्षर मिटाने की हमारी स्थाई आदत थी इस पापबोध के साथ कि विद्यामाता नाराज न हो जायें,
कक्षा के तनाव में पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर ही हमनें तनाव मिटाया था।
स्कूल में टाट-पट्टी की अनुपलब्धता में घर से बोरी का टुकड़ा बैठने के लिए बगल में दबा कर भी साथ ले जाते थे !
कक्षा छः में पहली दफा हमने अंग्रेजी का ऐल्फाबेट पढ़ा और पहली बार एबीसीडी देखी 
स्मॉल लेटर में बढ़िया एफ बनाना हमें बारहवीं तक भी न आया था !
करसीव राइटिंग भी कॉलेज में जाकर ही सीख पाये !
उस जमाने के हम बच्चों की अपनी एक अलग ही दुनिया थी,
कपड़े के थैले में किताब और कापियाँ जमाने का विन्यास हमारा अधिकतम रचनात्मक कौशल था !
तख्ती पोतने की तन्मयता हमारी एक किस्म की साधना ही थी ! हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते (नई काॅपी-किताबें मिलती) तब उन पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का स्थाई उत्सव था !
सफेद शर्ट और खाकी पेंट में जब हम माध्यमिक कक्षा पहुँचे तो पहली दफा खुद के कुछ बड़े होने का अहसास तो हुआ लेकिन पेंट पहन कर हम शर्मा रहे थे, मन कर रहा था कि वापस निकर पहन लें ! 
साईकिल से रोज़ सुबह कतार बना कर चलना और साईकिल की रेस लगाना हमारे जीवन की अधिकतम प्रतिस्पर्धा थी !
हर तीसरे दिन पम्प को बड़ी युक्ति से दोनों टांगो के मध्य फंसाकर साईकिल में हवा भरते मगर फिर भी खुद की पेंट को हम काली होने से बचा न पाते थे !
स्कूल में पिटते, कान पकड़ कर मुर्गा बनते मगर हमारा ईगो हमें कभी परेशान न करता.. हम उस जमाने के बच्चे शायद तब तक जानते नही थे कि #ईगो होता क्या है!
क्लास की पिटाई का रंज अगले घंटे तक काफूर हो जाता, और हम अपने पूरे खिलंदड़ेपन से हंसते पाए जाते !
रोज़ सुबह प्रार्थना के समय पीटी के दौरान एक हाथ फासला लेना होता, मगर फिर भी धक्का मुक्की में अड़ते भिड़ते सावधान विश्राम करते रहते !
हम उस जमाने के बच्चे सपनें देखने का सलीका नही सीख पाते थे, अपनें माँ बाप को भी ये कभी नही बता पाते थे कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं, क्योंकि "आई लव यू माॅम-डेडी" नहीं आता था !
हम उस जमाने  से निकले बच्चे गिरते सम्भलते लड़ते भिड़ते दुनियां का हिस्सा बने हैं ! कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ यूं ही खो गए हैं !
पढ़ाई फिर नौकरी के सिलसिले में लाख शहर में रहें लेकिन जमीनी हकीकत जीवनपर्यन्त हमारा पीछा करती रहती रहती है. 
अपने कपड़ों को सिलवट से बचाए रखना और रिश्तों को अनौपचारिकता से बचाए रखना हमें नहीं आता है !
अपने अपने हिस्से का निर्वासन झेलते हम बुनते है कुछ आधे अधूरे से ख़्वाब और फिर जिद की हद तक उन्हें पूरा करने का जुटा लाते है आत्मविश्वास !
कितने भी बड़े क्यूँ न हो जायें हम आज भी दोहरा चरित्र नहीं जी पाते हैं, जैसे बाहर दिखते हैं, वैसे ही अन्दर से होते हैं !
हम थोड़े अलग नहीं, पूरे अलग होते हैं !
कह नहीं सकते हम बुरे थे या अच्छे थे,....यही एक पीढ़ी है जिसने जीवन जिया है। इसके बाद की पीढ़ी जीवन के अर्थ को समझ नहीं पाएगी । तब *के जीवन* और *के.जी.वन* में यह अंतर हमेशा बना रहेगा। 🙏

हमारा बचपन 
😢😢😢😢😢
हमारा बचपन

January 15, 2020

जीवन की सार्थकता

✍🏻वृक्ष कभी इस बात पर व्यथित नहीं होता कि उसने कितने पुष्प खो दिए !                            
         वह सदैव नए फूलों के सृजन में व्यस्त रहता  है। जीवन में कितना कुछ खो गया, इस पीड़ा को भूल कर, क्या नया कर सकते हैं, इसी में जीवन की सार्थकता है !

    🌹 Good Morning🌺

January 14, 2020

जिंदगी का खेल

"खो" देते हैं,
               फिर...
       "खोजा" करते हैं,
         यही खेल हम
          जिन्दगी भर
        "खेला" करते हैं. . .
        🌹सुप्रभात🌹
                                                     ​

January 12, 2020

संस्कार...

धन को एकत्रित करना सहज हैं 
                            लेकिन
                  संस्कारों को एकत्रित
                      करना कठिन हैं !
             धन को तो लूटा जा सकता हैं,
                            लेकिन
                संस्कारों के लिए समर्पित
                      होना पड़ता है।
                 
                          💐💐शुभ प्रभात💐💐

January 11, 2020

ऐ राही.....

👉 चलते रहे कदम तो
               किनारा जरुर मिलेगा
अन्धकार से लड़ते रहे
           तो सवेरा जरुर खिलेगा
जब ठान लिया मंजिल पर जाना
           तो रास्ता जरुर मिलेगा
ए राही न थक, आगे चल
          एक दिन समय जरुर फिरेगा
               🙏🏻💐🙏🏻

January 10, 2020

पक्के धागे...

*"सफलता" भी फीकी लगती है, यदि कोई "बधाई देने वाला" नहीं हो।*
*और "विफलता" भी सुन्दर लगती है, जब आपके साथ "कोई अपना खड़ा" हो।*

    *ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं*
                   *और*
   *ना पास रहने से जुड़ जाते हैं*
*यह तो एहसास के पक्के धागे है*
                   *जो*
             *याद करने से*
     *और मज़बूत हो जाते है।*
                 🌹*सुप्रभात्* 🌹

January 9, 2020

यादें

🙏🙏🙏

कोशिश करो कि ज़िन्दगी का 
हर लम्हा अच्छे से अच्छा गुजरे;

क्योंकि जिंदगी नहीं रहती 
पर अच्छी यादें हमेशा जिंदा रहती हैं।

                        *सुप्रभात* 💐🌹   

January 8, 2020

सुख

जिन्हें आप खुश देखना चाहते हो उन्हें यही पर सुख देना

क्योंकि ताजमहल दुनिया ने देखा है मुमताज ने नही 
    जय श्री कृष्णा     🙏 सुप्रभात 🙏

January 7, 2020

संस्कार

✍✍

पूरी दुनिया जीत सकते है,
संस्कार से...!
और..,
जीता हुआ भी हार जाते है,
अहंकार से...!!  
       
    💞💞शुभ सकाळ💞💞

January 6, 2020

19 उंटों की कहानी

19 उंटों की कहानी
मजाक में मत लेना जी

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एक गाँव में एक व्यक्ति के पास 19 उंट थे। 

एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। 

मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि:

मेरे 19 उंटों में से आधे मेरे बेटे को,19 उंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को, और 19 उंटों में से पांचवाँ हिस्सा मेरे नौकर को दे दिए जाएँ।

सब लोग चक्कर में पड़ गए कि ये बँटवारा कैसे हो ?

19 ऊंटों का आधा अर्थात एक ऊँट काटना पड़ेगा, फिर तो ऊँट ही मर जायेगा। चलो एक को काट दिया तो बचे 18 उनका एक चौथाई साढ़े चार- साढ़े चार. फिर?

सब बड़ी उलझन में थे। फिर पड़ोस के गांव से एक बुद्धिमान व्यक्ति को बुलाया गया।

वह बुद्धिमान व्यक्ति अपने ऊँट पर चढ़ कर आया, समस्या सुनी, थोडा दिमाग लगाया, फिर बोला इन 19 ऊंटों में मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो।

सबने सोचा कि एक तो मरने वाला पागल था, जो ऐसी वसीयत कर के चला गया, और अब ये दूसरा पागल आ गया जो बोलता है कि उनमें मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो। फिर भी सब ने सोचा बात मान लेने में क्या हर्ज है।

19+1=20 हुए।

20 का आधा 10, बेटे को दे दिए।

20 का चौथाई 5, बेटी को दे दिए।

20 का पांचवाँ हिस्सा 4, नौकर को दे दिए।

10+5+4=19 

बच गया एक ऊँट, जो बुद्धिमान व्यक्ति का था...

वो उसे लेकर अपने गॉंव लौट गया।

इस तरह 1 उंट मिलाने से, बाकी 19 उंटो का बंटवारा सुख, शांति, संतोष व आनंद से हो गया।

सो हम सब के जीवन में भी 19 ऊंट होते हैं।

5 ज्ञानेंद्रियाँ
(आँख, नाक, जीभ, कान, त्वचा)

5 कर्मेन्द्रियाँ
(हाथ, पैर, जीभ, मूत्र द्वार, मलद्वार)

5 प्राण
(प्राण, अपान, समान, व्यान, उदान)

और

4 अंतःकरण
(मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार)

कुल 19 ऊँट होते हैं। 

सारा जीवन मनुष्य इन्हीं 19 ऊँटो के बँटवारे में उलझा रहता है।

और जब तक उसमें *मित्र* रूपी ऊँट नहीं मिलाया जाता यानी के दोस्तों के साथ.... सगे-संबंधियों के साथ जीवन नहीं जिया जाता, तब तक सुख, शांति, संतोष व आनंद की प्राप्ति नहीं हो सकती।

यह है 19 ऊंट की कहानी...😌🙏🏽

January 3, 2020

किस्मत

किस्मत की एक आदत है 
कि वो पलटती जरुर है 
और जब पलटती है 
तब सब कुछ पलटकर रख देती है 
इसलिए अच्छे दिनों मे अहंकार न करें 
और खराब समय में थोड़ा सब्र करें 

    🙏🏻🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🙏🏻

January 2, 2020

आत्मविश्वास

आत्मविश्वास हमारा सबसे बेहतरीन साथी है,
             बिना इसके घर से ना निकलें..।
अनिवार्य नहीं है कि इससे सफलता मिलेगी...

             लेकिन

चुनौतियों का सामना करने की शक्ति अवश्य मिलेगी...!

🙏☘🌹 सुप्रभात 🌹☘🙏

January 1, 2020

बिते वर्ष......स्वागत २०२०

बिते वर्ष पग पग चलते हर राही का मुझको स्नेह मिला,

हर पल हर पल न थम चलती सांसों से भी मुझको स्नेह मिला,

राहों में मिलते सुख दुख ने भी मनभर मुझको स्नेह दिया,

हर राह पर मित्रों ने भी मुझको परम स्नेह

वितरित किया

बस रह गया इतना ही मुझसे मैने न उनको धन्यवाद दिया,

आज इस वर्ष समाप्ती की और नव वर्ष आगमन की बेला पर,

मेरा हर राही, मेरी सांसों तुमको,

सुख दुख और मित्रों तुमको भी

दिल की गहराईयों से धन्यवाद।

नववर्ष में भी तुम सब मेरे साथी होंगे

जब थक जाऊँ चलते चलते

बतियाने को तुम संग संग होंगे

यहीं कामनाएँ है मेरी 

वादा निभाने की है अब तुम्हारी बारी

नववर्ष की सब को शुभ कामनाएँ प्यार भरी।
रविंद्र "रवि" कोष्टी
(मेरी रचना)