रस्तो पे बाईक या कार चलाने वाले भाई यो से गुजरीस है की अपनी गाडी की रफ्तार अपने कबु में रखे। इसी सिलसिले में एक कवीता पेश कर राहा हुं. जरा गौर फरमाइयेगा।
" वाहन क्या है?
जिंदगी को एक जगह से
दूसरी जगह ले जाने भर का एक साधन ही तो है
लेकिन
इसकी रफ्तार यदि पकड़ से बहार चली जाये
तो
जिंदगी को इस दुनिया से
उस दुनिया में ले जाने का एक साधन बन जाती है."
इसलिए दोस्तों गाड़ी इतनी गति से चलाये की वह अपनी पकड़ में हो
चाहे जब उसे रोक सके
वरन
" वाहन क्या है?
जिंदगी को एक जगह से
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लेकिन
इसकी रफ्तार यदि पकड़ से बहार चली जाये
तो
जिंदगी को इस दुनिया से
उस दुनिया में ले जाने का एक साधन बन जाती है."
इसलिए दोस्तों गाड़ी इतनी गति से चलाये की वह अपनी पकड़ में हो
चाहे जब उसे रोक सके
वरन
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